प्रेग्नेंसी में प्रोटीन की कमी से बच्चे को हो सकता है खतरा, जानें ये बातें..
संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आहार और पोषक तत्वों पर ध्यान देने पर जोर दिया जाता है। खासकर, गर्भावस्था में संतुलित और पौष्टिक आहार लेना जरूरी होता है
संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आहार और पोषक तत्वों पर ध्यान देने पर जोर दिया जाता है। खासकर, गर्भावस्था में संतुलित और पौष्टिक आहार लेना जरूरी होता है। इस अवस्था में हर तरह के विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्व गर्भवती व गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य व विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाते हैं। प्रेगनेंट महिलाओं को अधिक पोषण की जरूरत होती है और इस दौरान उन्हें प्रोटीन समेत कई पोषक तत्व लेने होते हैं ताकि शिशु का सही विकास हो सके।
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गर्भावस्था के नौ महीनों के दौरान भ्रूण के विकास के लिए रोजाना 75 ग्राम से 100 ग्राम तक प्रोटीन लेना होता है। प्रेग्नेंसी में गर्भाशय के ऊतकों के विकास के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी होता है। इसके अलावा भी गर्भावस्था में प्रोटीन युक्त आहार लेने से कई फायदे होते हैं।
प्रोटीन युक्त आहार
आप दूध से बने उत्पादों से प्रोटीन ले सकती हैं। दही, अंडा, दूध, चीज और पनीर को अपनी डायट में शामिल करें। इसके अलावा सूखे मेवे और बीजों में भी प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है। पिस्ता, नारियल और बादाम खाएं। सूरजमुखी के बीजों, तिल के बीजों और कद्दू के बीजों में भी बहुत प्रोटीन पाया जाता है।
छोले, दालें, सोया से बने उत्पाद और राजमा खाएं। प्रोटीन के लिए नाश्ते में ओट्स लें। प्रोटीन युक्त आहार से ब्लड शुगर लेवल ठीक रहता है और शरीर को एनर्जी मिलती है। दो चम्मच पीनट बटर से 7 ग्राम प्रोटीन मिलता है।
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में प्रोटीन
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में महिलाओं को प्रोटीन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इस दौरान शिशु के मस्तिष्क का विकास तेजी से हो रहा होता है इसलिए प्रोटीन की अधिक जरूरत पड़ती है। मछली, अंडे और मीट से सबसे ज्यादा प्रोटीन मिलता है इसलिए इस समय इन चीजों का सेवन अधिक करें।
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