हाथरस की निर्भया को न्याय दिलाएंगी समृद्धि!
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती की मौत के बाद उसे इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की सबसे चर्चित मशहूर
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती की मौत के बाद उसे इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की सबसे चर्चित मशहूर वकील सीमा समृद्धि ने ली है। सीमा अब हाथरस दुष्कर्म कांड मामले में केस लड़ेंगी, वह भी बिना फीस लिए। इसके लिए वह शुक्रवार को हाथरस जाकर दुष्कर्म कांड के पीड़ित परिवार से भी मुलाकात करेंगीं।
बता दें कि सीमा समृद्धि ने निर्भया केस भी लड़ा था और अंत में चारों दरिंदों (मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा) को 20 मार्च को फांसी दिलाई थी। यह सच है कि दिल्ली के निर्भया कांड में सीमा समृद्धि के प्रयासों के चलते ही चारों दोषियों को फांसी मिल सकी था, ऐसे में यदि वो इस मामले को हाथ में लेती हैं, तो हाथरस पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी।
यह है पूरा मामला
14 सितंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं, परिवार वालों का आरोप है कि दरिंदों ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दुष्कर्म पीड़िता ने मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।आइये जानते हैं कौन हैं सीमा समृद्धि, जिनकी वजह से निर्भया की दोषियों को हुई थी फांसी
निर्भया को इंसाफ दिलाने और दोषियों को फांसी दिलाने में सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा समृद्धि की बड़ी भूमिका थी। वह केस की शुरुआत से ही निर्भया की माता-पिता की वकील रही। सीमा समृद्धि ने सुप्रीम कोर्ट में रातभर दलीलें रखकर निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह फांसी दिलाई थी।
वह निर्भया ज्योति ट्रस्ट में कानूनी सलाहकार भी हैं। देश के नामी शिक्षण संस्थानों में से एक दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल करने वालीं सीमा ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की थी। वह 24 जनवरी, 2014 को निर्भया ज्योति ट्रस्ट से जुड़ीं। इसके बाद से वह लगातार इससे जुड़ी हुई हैं।
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