गायों की दुर्दशा पर छलका प्रियंका गांधी का दर्द, सीएम योगी को पत्र लिखकर कही ये बात…

अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गोवंश की दुर्दशा पर अपनी चिंता जाहिर की है।

अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी(priyanka gandhi) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गोवंश की दुर्दशा पर अपनी चिंता जाहिर की है। पत्र में महासचिव ने लिखा है कि ललितपुर के सौजना से आई गौमाता के शवों की तस्वीरों को देखकर मन विचलित हो गया है। अभी ये विवरण नहीं मिले हैं कि इन गायों की मौत किन परिस्थितियों में हुई है। लेकिन तस्वीरों से लग रहा है कि चारा-पानी न मिलने की वजह से ही मौतें हुई हैं। देखकर लगता है कि कई दिनों की भूख और प्यास से धीरे-धीरे हुई पीड़ादायक मौतें हैं।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में प्रियंका गांधी ने कहा है कि दुखद यह भी है कि यह इस तरह की पहली तस्वीर नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी तस्वीरें मिलती रही हैं। हर बार इन पर कुछ देर के लिए चर्चा होती है लेकिन इन मासूम जानवरों की देखभाल के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। सवाल उठता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में प्रियंका गांधी(priyanka gandhi) ने कहा कि सत्ता में आने के समय आपने गौ-वंश की रक्षा और गौशालाएँ बनवाने की बात की थी लेकिन वास्तविकता यही है कि इस संदर्भ में आपकी घोषणाओं के बावजूद सरकार के प्रयास पूरी तरह से विफल रहे हैं। गायों की भलाई के नाम पर गौवंश की दुर्दशा की जा रही है। गौशालाएं खोली गईं मगर सच यह है कि वहाँ गौ-वंश को चारा और पानी नहीं सिर्फ असंवेदनशीलता मिलती है। भ्रष्ट अफसर व गौशाला संचालक पूर्णतः भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। पूरे प्रदेश में हर दिन न जाने कितनी गायों भूखी प्यासी मर रही हैं।

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प्रियंका गांधी(priyanka gandhi) ने पत्र में कहा है कि जहां गौशालाएँ इस परिस्थिति में हैं, वहाँ आवारा पशु की भी भयंकर समस्या बनी पड़ी है। किसान पूरी तरह से हलकान हैं। वे रात-रात भर जागकर अपनी फसलों की रक्षा कर रहे हैं। फसलों की रक्षा के लिए उन्हें हजारों-लाखों खर्च कर खेतों की तारबंदी करवानी पड़ रही है।

प्रियंका गांधी(priyanka gandhi) ने पत्र में कहा है कि गांधीजी गाय को करुणा का काव्य मानते थे। यह करोड़ों भारतीयों की माँ है। वह मानते थे कि गौरक्षा का अर्थ केवल गाय की रक्षा नहीं है बल्कि उन सभी जीवों की रक्षा है जो असहाय और दुर्बल हैं।

कांग्रेस महासचिव ने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में इस मामले को ‘गोधन न्याय योजना’ लागूकर बहुत अच्छी तरह से सुलझाया है। शायद उनसे उप्र सरकार प्रेरणा ले सकती है और गाय के प्रति हम सब अपनी सेवा भावना को कायम रख सकते हैं। हम ऐसी भीषण परिस्थितियों में गायों को जीने और मरने को मजबूर होने से बचा सकते हैं और अपने किसानों की वास्तविक मदद भी कर सकते हैं।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना में गौवंश संवर्धन, खेती बाड़ी को दुरुस्त करने, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने, नदी-नालों को पुनर्जीवित करने, खुले में घूमते पशुओं की देखभाल, ऑर्गैनिक खाद बनाने इत्यादि के लिए कार्य किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने दो रुपए किलो गोबर खरीदने की शुरुआत की है। अभी हर महीने औसतन 15 करोड़ रुपए का गोबर खरीदा जा रहा है।

प्रियंका गांधी(priyanka gandhi) ने पत्र में बताया है कि छत्तीसगढ़ में गौशालाओं के जरिए यह गोबर ख़रीदकर उसे वर्मी कम्पोस्ट में परिवर्तित किया जा रहा है। वर्मी कम्पोस्ट को आठ रुपए की दर से सरकारी एजेंसियों और निजी उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है। धीरे-धीरे गौशालाएँ आत्मनिर्भर हो रही हैं।

उन्होंने लिखा है कि गोधन न्याय योजना से दो लाभ हो रहे हैं। एक तो गोबर बेचने के लिए लोग अपनी गायों को घरों पर रखकर चारा खिला रहे हैं। इससे पशुओं के आवारा घूमने पर रोक लगी है। दूसरा ऐसे पशु जिनके मालिक नहीं हैं, गौशालाओं में रखे जा रहे हैं।‘गोधन न्याय योजना’ से लाभान्वित होने वालों में आधे से अधिक महिलाएँ हैं और बड़ी संख्या में पिछड़े वर्ग के बेरोजगार हैं।

महासचिव प्रियंका गांधी(priyanka gandhi) ने पत्र के अंत मे लिखा है कि आप भी गौवंश की सुरक्षा और भलाई चाहते हैं इसीलिए मैं आपको यह पत्र लिख रही हूँ ताकि हमारे प्रदेश में गौवंश के प्रति इस तरह का अत्याचार न हो। मैं समझती हूँ कि इन बातों से अवगत करना धार्मिक और नैतिक आधार पर मेरी जिम्मेदारी बनती है।

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