कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने विकास दुबे के इनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि “अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?”

Vikas Dubey Encounter- फिल्मी अंदाज में खत्म हुआ विकास दूबे का किस्सा, लेकिन पुलिसिया स्क्रिप्ट में लगे कई प्रश्नचिन्ह….

यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार की सुबह कानपुर की सीमा के अंदर ही विकास दुबे के एनकाउंटर को अंजाम दिया. लेकिन अब इस मुठभेड़ को लेकर कई बड़े सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाब यूपी पुलिस को देने हैं…

यूपी का मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे आखिरकार उसी कानपुर में पुलिस की गोलियों का शिकार बन गया, जिस कानपुर से उसने खौफ का कारोबार किया. एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी. इसी दौरान एसटीएफ की गाड़ी पलटती है और विकास दुबे पुलिस वालों के हथियार छीनकर भागने की कोशिश करता है. और इसी दौरान पुलिस जवाबी कार्रवाई करती है. जिसमें विकास दुबे मारा जाता है.

यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार की सुबह कानपुर की सीमा के अंदर ही इस एनकाउंटर को अंजाम दिया. लेकिन अब इस मुठभेड़ को लेकर कई बड़े सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाब यूपी पुलिस को देने हैं.

 

1. कानपुर की सीमा में आने के बाद एसटीएफ के काफिले की गाड़ी का एक्सीडेंट कैसे हुआ?

2. एसटीएफ की गाड़ी कैसे पलटी? किन हालात में एक्सीडेंट हुआ?

3. क्या लगातार भागने वाला विकास दुबे इस हालत में था कि उसने एक्सीडेंट होते ही पुलिस के हथियार छीन लिए?

4. क्या एसटीएफ ने विकास दुबे को लाते समय सावधानी नहीं बरती, जो उसने पुलिस से भिड़ने की हिम्मत जुटाई?

5. विकास दुबे ने पहले पुलिस पर फायर किए या पुलिस ने उसे रोकने के लिए गोली चलाई?

6. प्रभात वाले घटनाक्रम से सबक क्यों नहीं लिया गया?

7. दोनों तरफ से इस एनकाउंटर के दौरान कितने राउंड गोली चली?

8. जिस विकास दुबे ने खुद उज्जैन में चिल्ला चिल्लाकर मीडिया के सामने गिरफ्तारी दी थी. अचानक शुक्रवार की सुबह उसका मन कैसे बदल गया?

9. 24 घंटे में पुलिस की एक गाड़ी पंचर हुई और दूसरी गाड़ी पलटी…

10. खुद सरेंडर करने वाला विकास दुबे क्यों एक हथियार लेकर भागने की कोशिश करेगा?

11. क्या विकास को हथकड़ी नहीं लगाई गई थी? ना बरती गई सावधानी

12. आखिर कानपुर आकर ही क्यों भागने लगा था विकास दुबे

13. क्या मुठभेड़ में सीने पर गोली मारी जाती है? क्या पुलिस का मकसद उसे रोकना नहीं, जान से मारना था

14. इस पूरे एनकाउंटर के बारे में पुलिस और एसटीएफ के अधिकारी और जवान बोलने से क्यों बच रही है?

इस पूरे घटनाक्रम पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं…सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाया
उंन्होने कहा कि “दरअसल ये कार नही पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है”..

इसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर सवाल उठाए ….प्रियंका ने कहा “अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?”…..

 

आठ पुलिसकर्मियों का हत्या का आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर में इस तरह मारे जाने के बाद कई अनसुलझे सवाल तो छोड़ ही दिए गए….लेकिन उसकी मौत के साथ ही कई राज दफन हो गए…. बताया जा रहा है कि विकास अगर पूछताछ में मुंह खोल देता तो कई बड़े चेहरे बेनकाब हो जाते……..

 

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