कृषि कानून: पीएम मोदी अन्नदाताओं से करेंगे संवाद, इन किसानों के खाते में ट्रांसफर होंगे 18 हजार करोड़ रुपये…

कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी पीछे हटने को तैयार नहीं हो रहे हैं. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के साथ 25 दिसंबर को संवाद करेंगे.

कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी पीछे हटने को तैयार नहीं हो रहे हैं. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के साथ 25 दिसंबर को संवाद करेंगे. पीएम(prime minister) मोदी इस बार उत्तर प्रदेश समेत देश के 6 राज्यों के किसानों के साथ संवाद करेंगे. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर करेंगे ही पीएम मोदी देश के 9 करोड़ किसानों को पीएम सम्मान निधि की अगली किस्त जारी करेंगे.

पीएम मोदी ने किसानों के साथ संवाद को लेकर गुरुवार को रात साढ़े दस बजे के करीब एक ट्वीट भी किया है. उन्होंने इस ट्वीट में लिखा है कि, ‘कल का दिन देश के अन्नदाताओं के लिए बेदह अहम है। दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 9 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को पीएम-किसान की अगली किस्त जारी करने का सौभाग्य मिलेगा।इस अवसर पर कई राज्यों के किसान भाई-बहनों के साथ बातचीत भी करूंगा।’

वहीं पीएम मोदी के संवाद कार्यक्रम के लिए यूपी में करीब ढाई हजार चौपाल लगाई जाएंगी. पीएम(prime minister) मोदी किसानों के साथ संवाद के दौरान कृषि कानून से जुड़ी खूबियों को बताएंगे और विस्तार से समझाएंगे कि, ये कानून किस तरह से उनके हित में हैं. पीएम(prime minister) मोदी का ये किसानों के साथ संवाद कार्यक्रम बहुत बड़े स्तर पर किया जाएगा. इसके लिए सिर्फ अवध क्षेत्र में 377 जगह पर कार्यक्रम होंगे और पूरे यूपी में ढाई हजार से ज्यादा कार्यक्रम होंगे.

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वहीं आपको बता दें कि, 25 दिसंबर को पीएम(prime minister) मोदी किसान सम्मान निधि की सातवीं किस्त भी जारी करेंगे. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी अवध के किसानों से बात करेंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश बीजेपी ने खास तैयारी की है. हर जिले में किसान संवाद का आयोजन किया जाएगा. ताकि कृषि कानूनों पर पीएम मोदी के संदेश को लोगों तक पहुंचाया जा सके.

वहीं कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का आज 30वां दिन है. किसानों का कहना है कि, देश के किसान अपना आंदोलन तभी वापस लेंगे जब तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस लेगी. वहीं सरकार ने एक बार फिर से किसान संगठनों से बातचीत के लिए प्रस्ताव भेजा है. सरकार ने पत्र लिखकर कहा है कि, सभी मुद्दों पर सरकार बात करने के लिए तैयार है. वहीं एमएसपी पर कोई बात नहीं की जाएगी.

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