बड़ी खबर: करोड़पतियों पर अलग से लगेगा टैक्स, सरकार ने बनाया ‘मिलेनियर टैक्स’ कानून

अर्जेंटीना की सरकार ने एक ऐसा साहसिक कदम उठाया है जिसके बारे में कई देश अभी तक सिर्फ राय-मशविरा करने में व्यस्त हैं. ऐसे में अर्जेंटीना सरकार का ये कदम उन देशों के लिए नजीर पेश करेगा जो इस कदम को उठाने से पहले ही लड़खड़ाने का डर देख रहे हैं.

अर्जेंटीना की सरकार ने एक ऐसा साहसिक कदम उठाया है जिसके बारे में कई देश अभी तक सिर्फ राय-मशविरा करने में व्यस्त हैं. ऐसे में अर्जेंटीना सरकार का ये कदम उन देशों के लिए नजीर पेश करेगा जो इस कदम को उठाने से पहले ही लड़खड़ाने का डर देख रहे हैं. अर्जेंटीना के राष्ट्रपति(President) अल्बर्तो फर्नांडीज की सरकार ने करोड़पतियों पर अलग से टैक्स लगाने का कानून बनाया है. इस कानून को संसद के निचले सदन में पास करा लिया गया है जिसे अब ऊपरी सदन में पेश करके पारित कराना है. हालांकि (President) अल्बर्तो सरकार को इस बिल को पास कराने में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं. क्योंकि ऊपरी सदन में अल्बर्तो सरकार के पास बहुमत नहीं है.

कोरोना महामारी से देश में आई मंदी की वजह से (President) अल्बर्तो सरकार ने ऐसा साहसिक कदम उठाया है. इस कानून में टैक्स को सिर्फ एक बार वसुलने का प्रावदान किया गया है. इसके बाद करोड़पतियों से कोई अलग से टैक्स नहीं लिया जाएगा. करोड़पतियों से वसूले जाने वाले इस टैक्स से सरकार जिन मदों में पैसा खर्च करेगी उसका ब्योरा भी जारी कर दिया है. सरकार का कहना है कि, इस करोड़पति टैक्स से छोटे और मझोले व्यापारियों को राहत देने, छात्रों को छात्रवृत्ति देने, सामाजिक कार्यक्रमों के विकास पर, कोरोना महामारी से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने और प्राकृतिक गैस से संबंधित परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा.

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मिलेनियर टैक्स के दायरे में करीब 12 हजार लोग आएंगे

मिलेनियर टैक्स के दायरे में करीब 12 हजार लोग आएंगे जिनसे ये वसूली की जाएगी. कानून में प्रावधान किया गया है कि, ऐसे लोगों से ऊंची दरों पर टैक्स वसूली होगी, जिन्होंने अपना धन विदेशों में जमा कर रखा है. लेकिन उसमें भी एक राहत देने का प्रावदान है अगर वो लोग जिनका पैसा विदेशों में जमा है और वापस लाने पर राजी हो जाते हैं तो उनसे कम दरों पर टैक्स की वसूली की जाएगी. मिलेनियर टैक्स कानून के मुताबिक, विदेशों में रखे गए कुल घोषित धन का 5.25 फीसदी हिस्सा टैक्स के रूप में लिया जाएगा. वहीं देश में रखे गए कुल धन पर 3.5 फीसदी वसूली होगी.

राष्ट्रपति(President) अल्बर्तो सरकार के इस कदम का पूंजीपति धड़ा जमकर विरोध कर रहा है जबकि छोटे और मझोले व्यापारियों के अंदर कानून को लेकर उत्साह है. चैंबर ऑफ कॉमर्स का कहना है कि, इससे पूंजीपति घरानों की निवेश और उत्पादन करने की दिशा में कमी आएगी जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है.

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