…तो इसलिए ‘प्रयागराज मांगे एम्स’, जिसका वादा कर भूल बैठी सरकार!

चुनाव के आते ही सभी राजनीतिक पार्टियां सत्ता पर काबिज होने के लिए कई वादें करती हैं, ताकि सत्ता में आ सके। लेकिन अक्सर सत्ता में आने के बाद चुनावी वादों को सरकार भूलती हुई नजर आती है। ऐसा ही एक वादा बीजेपी ने भी किया, जिसे अब वह भूल गई है।

चुनाव के आते ही सभी राजनीतिक पार्टियां सत्ता पर काबिज होने के लिए कई वादें करती हैं, ताकि सत्ता में आ सके। लेकिन अक्सर सत्ता में आने के बाद चुनावी वादों को सरकार भूलती हुई नजर आती है। ऐसा ही एक वादा बीजेपी ने भी किया, जिसे अब वह भूल गई है। संगमनगरी प्रयागराज में लंबे समय से चल रही कवायद के बावजूद एम्स (AIIMS) की स्थापना का वादा भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार भूल बैठी है। 

एम्स की स्थापना का वादा भूली बीजेपी सरकार!

बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के घोषणा पत्र में प्रयागराज में एम्स की स्थापना को शामिल किया गया था, लेकिन बहुमत से बनी बीजेपी सरकार ने अपने वादे को अब तक पूरा नहीं किया।

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मुख्यमंत्री योगी ने एम्स की स्थापना को लेकर मांगा था प्रस्ताव

हालांकि, साल 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से एम्स (AIIMS) की स्थापना को लेकर प्रस्ताव मांगा था, जिसे तैयार करने की जिम्मेदारी प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे को सौंपी गई। मुख्यमंत्री ने एम्स की स्थापना को अपनी घोषणा में शामिल कर कागजी कार्रवाई भी शुरू हो दी थी। बताया गया कि 2019 से पहले एम्स का निर्माण शुरू हो जाएगा, लेकिन एम्स की स्थापना के लिए शुरू हुई कागजी कार्रवाई सिर्फ कागज पर सिमट कर रह गई।

भाजपा के दिवंगत नेता ने पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य को लिखा पत्र

आपको बता दें कि प्रयागराज में एम्स की स्थापना को लेकर साल 2012 में भाजपा के दिवंगत नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को पत्र लिखा था, लेकिन राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार होने के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।

ठंडे बस्ते में चला गया हंडिया में एम्स बनाने का प्रस्ताव

इसके अलावा इलाहाबाद विकास समिति की पहली बैठक में कई प्रस्ताव पारित हुए, जिनमें हंडिया में 163 एकड़ में एम्स बनाने को शामिल किया गया, लेकिन बाद यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया।

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संगमनगरी में एम्स की स्थापना को लेकर राम चन्द्र यादव  ने 6 अक्टूबर 2012 को ‘प्रयागराज मांगे एम्स’ के नाम से एक मुहिम भी चलाई। कई समाचार पत्रों ने इसको लेकर समाचार प्रकाशित किए। इस मुहिम के तहत वो प्रतिदिन सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं तक अपनी मांग करते हैं, लेकिन इसके बावजूद आज तक भाजपा की सरकार ने अपने इस चुनावी वादे को पूरा नहीं किया।

हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश से लगी गुहार

वहीं, प्रयागराज जिले में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल खोलने की मुहिम में जुटे इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश को एक लेटर पेटिशन लिखा, जिसमें उन्होंने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेने की गुहार लगाई है। अजय कुमार मिश्र ने नगर निगम पार्षदों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाकर यह मुद्दा नगर निगम सदन में उठाने का आग्रह भी किया, ताकि जिले को एक अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल मिल सके, लेकिन एम्स (AIIMS) की स्थापना को लेकर सरकार की ओर से अब तक कोई जमीनी स्तर पर कार्य शुरू होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।

जिले में एम्स की आवश्यकता!

अधिवक्ता अजय का कहना है कि लोक सभा चुनाव के दौरान ही सरकार ने जिले में एम्स (AIIMS) खोलने का वादा किया था, लेकिन चुनाव बाद यह वादा हवा हवाई हो गया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में जिले में एम्स जैसे हास्पिटल की आवश्यकता है।

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अपनी मुहिम को भूल बैठे कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह

इस मुहिम की जनक राम चन्द्र यादव ने बताया कि राजनीति में आने से पहले कभी यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का भी एक मात्र उद्देश्य था कि प्रयागराज मे एम्स की स्थापना की जाए, जिसको लेकर उन्होंने संगमनगरी में कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस बी की, लेकिन अब प्रदेश सरकार में सूक्ष्म, लघु व मध्यम निर्यात प्रोत्साहन व खादी ग्रामोद्योग मंत्री बनने के बाद वे अपनी मुहिम को भूल गए हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि अब उनकी लगातार कोशिशों के बावजूद मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं।

 प्रयागराज मांगे एम्स’ मुहिम की जनक

आपको बता दें कि ‘प्रयागराज मांगे एम्स’ मुहिम की शुरुआत करने वाले राम चन्द्र यादव एक समाजसेवी हैं, जो पेशे से अधिवक्ता हैं। राम चन्द्र यादव जगदीशपुर, तहसील हंडिया, प्रयागराज के निवासी हैं।

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इसलिए प्रयागराज मांगे एम्स

गौरतलब है कि प्रयागराज में संगम के चलते श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है, जो किसी धार्मिक पर्व पर और भी बढ़ जाता है। यहां कुंभ मेले के दौरान लगने वाली लाखों की तादात में श्रृद्धालुओं की भीड़ जमा होती है। उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी विषयों को ध्यान में रखते हुए जिले में एम्स (AIIMS) की स्थापना की कवायद शुरू की गई। लेकिन केंद्र में और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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