प्रयागराज: इलाहबाद हाईकोर्ट ने सरकार से कहा गाय की सुरक्षा के लिए संसद में बिल लाये
जस्टिस शेखर कुमार यादव की सिंगल बेंच ने कहा की करोंड़ो हिन्दुओं की आस्था का विषय, आस्था पर आघात से देश कमजोर होता है
इलाहबाद हाई कोर्ट (High court) ने केंद्र सरकार को सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व पौराणिक विचारों एवं तत्थों के आधार पर गाय को राष्टीय पशु घोषित करने को कहा है। इसके लिए संसद में बिल पारित कर नया व सख्त कानून बनाने के लिए भी सुझाव दिए है। कोर्ट ने कहा है की भारत दुनिया का एक ऐसा देश है जहाँ सभी धर्मों के आपस में शांतिपूर्ण ढंग से रहते हैं। और एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करते हैं।
कोर्ट ने गोहत्या के केस में सुनवाई करते हुए कहा की अपने जीवन काल में एक गाय करीब 400 से अधिक लोगों का पेट भरती है जबकि करीब 80 लोगों का उसके मांस से। गाय को मारने वालो को यदि छोड़ा तो वो फिर अपराध करेंगे। गौ हत्या की घटनाओं से देश कमजोर होता है और इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों का कतई देशहित में कोई आस्था या विश्वास नहीं होता।
हाईकोर्ट की इस टिप्पणी पर देवबंदी उलेमा इसहाक गोरा ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुत ही सकारात्मक टिप्पणी की है। इस टिप्पणी पर किसी को भी कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए क्योंकि गाय से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है।
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