घंटे भर की मूसलाधार बारिश भी नहीं सह सका पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, पड़ी दरारें

मानक के अनुरूप नहीं हुए निर्माण कार्य, एक घंटे की मूसलाधार बारिश ने खोली अधिकारियों के पोल

यूपी सरकार की महात्वाकांक्षी योजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण में होने वाली अधिकारियों की धांधली एक घंटे की मूसलाधार बारिश ने उजागर कर दिया। यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर एक घंटे की मूसलाधार बारिश के बाद दरारें दिखने लगी।

पिछले दिनों यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र में काफी भारी बारिश हुई थी। इस बारिश के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर जगह-जगह दरारें और गड्ढे देखने के मिले। सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ आदि जिलों के पास एक्सप्रेस-वे पर गड्ढे और दरारें साफ नजर आती हैं।

होने वाला है एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण

जानकारी के मुताबिक, इस सप्ताह तक पूर्वांचल के मऊ जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा होने वाला है। जल्दी ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण भी होने वाला है। ऐसी स्थिति में जब एक्सप्रेस-वे के कार्यदायी संस्था और उसके अधिकारियों की इस बात की सुचना मिली तब प्रशासन सक्रिय हुआ। उसके बाद क्षतिग्रस्त स्थान के दुरुस्तीकरण की कार्यवाही शुरू हुई।

एक्सप्रेस-वे का इस तरह क्षतिग्रस्त होना जांच का विषय

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कई जगहों पर क्षतिग्रस्त पाया गया है। एक तरफ जहां मऊ जिले के उस्मानपुर गांव के पास कृष्णा महाविद्यालय के आगे तकरीबन 30 मीटर तक भारी बारिश के बाद एक्सप्रेस-वे पर दरार दिखी तो वहीं दूसरी तरफ अयोध्या-सुलतानपुर मार्ग पर स्थित हलियापुर थाना क्षेत्र के जरईकला गांव के पास बने ब्रिज से सटकर बना एक्सप्रेस-वे का उतार मार्ग दो जगह बैठ गया है। इसके अलावा आजमगढ़ जिले के उकरौड़ा में पुल के पास एक्सप्रेस-वे पर लम्बी दरारें पड़ी हुई हैं।

यूपी सरकार इस एक्सप्रेस-वे को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताती है। अगर इस तरह की खबरें एक्सप्रेस-वे के बारे में निकल कर सामने आती हैं तो यह एक जांच का विषय होना चाहिए। जिसमे यह पता करना जरुरी है कि क्या किसी अनियमितता के कारण एक्सप्रेस-वे कि गुणवत्ता से समझौता तो नहीं किया गया है।

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