अपने ही बुने जाल में फंसी पुलिस, मुठभेड़ पर खड़े हुए कई बड़े सवाल

अम्बेडकरनगर पुलिस द्वारा रामनगर डाकघर से 50 हज़ार रुपए छिनैती के दो आरोपियों को एनकाउंटर के दौरान पैर में गोली मारी गई, जबकि दो दिन पहले इन्ही आरोपियों को छिनैती के बाद ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा था।

देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस (Police) अपने जाल में ही फंसती नजर आ रही है। जिसपर जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। पुलिस जिन बदमाशों के मुठभेड़ का दावा कर रही है उन दोनों बदमाशों को ग्रामीणों ने दो दिन पहले ही पकड़कर पुलिस को सौप दिया था।

पुलिस द्वारा सिपाही को भी गोली लगने की बात कही गई

अम्बेडकरनगर पुलिस (Police)  द्वारा रामनगर डाकघर से 50 हज़ार रुपए छिनैती के दो आरोपियों को एनकाउंटर के दौरान पैर में गोली मारी गई, जबकि दो दिन पहले इन्ही आरोपियों को छिनैती के बाद ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा था। मज़े की बात यह है कि पुलिस द्वारा सिपाही को भी गोली लगने की बात कही गई।

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पुलिस (Police)  के द्वारा किए गए एनकाउंटर पर चर्चाओं का माहौल गर्म है। बड़ा सवाल यह है कि 3 दिन पहले 19 फरवरी को जिन आरोपियों को ग्रामीणों ने पुलिस को सौंप दिया था। उनका एनकाउंटर कैसे हो गया। जाहिर सी बात है पुलिस द्वारा फ़र्ज़ी मुठभेड़ किया गया है और पुलिस अपनी द्वारा बनाई गई कहानी में खुद ही फंस गई है।

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