किसान आन्दोलन से सहमी बीजेपी ने अखिलेश की गाड़ियों को कराया बंधक, क्या किसानों की हुंकार से घबरा गए योगी?

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कन्नौज में किसान आन्दोलन से जुड़ने की बात कही थी. जिसके बाद जिलाधिकारी ने कोरोना का हवाला देते हुए आन्दोलन की अनुमति नहीं दी.

केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयकों के विरोध में उतरे किसानों का प्रदर्शन दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. एक तरफ सत्तासीन कृषि विधेयकों को वापस न लेने पर अड़े हुए हैं तो दूसरी तरफ किसान अपनी मांगो को लेकर अड़े हुए हैं. जिसके क्रम में किसानों द्वारा 08 दिसंबर को भारत बंद आह्वान किया गया है. जिसे भाजपा असफल बनाने के भरसक प्रयास कर रही है. इसके लिए वह पुलिस प्रशासन की मदद से नेताओं को इस आन्दोलन में शामिल होनी से रोकने का भी प्रयास कर रही है.

कब्जे में ली अखिलेश की फ्लीट

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कन्नौज में किसान आन्दोलन से जुड़ने की बात कही थी. जिसके बाद जिलाधिकारी ने कोरोना का हवाला देते हुए आन्दोलन की अनुमति नहीं दी. जिसके क्रम में अखिलेश यादव के आवास क्षेत्र को प्रशासन ने छावनी में बदल दिया, ताकि वह वहां से न निकल सकें. इतना ही नहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव की गाड़ियों के चारो तरफ बैरिकेटिंग कर दिया गया. फ्लीट गाड़ियों के पीछे लखनऊ पुलिस की पीआरवी वैन खड़ी कर दी गई. ताकि वह इधर उधर न हिल सकें. अर्थात गाड़ियां अब न आवास जा सकती हैं और न ही पार्टी कार्यालय पहुंच सकेगी.

क्या अखिलेश से डरी बीजेपी

इससे एक बात तो साफ़ है कि योगी सरकार अखिलेश यादव को किसी भी हालत पर किसान आन्दोलन का हिस्सा नहीं बनने देना चाहती. एक बार फिर योगी सरकार ने पुलिस को आगे कर अखिलेश यादव पर कड़ी चौकसी रखने की जिम्मेदारी सौंप दी है. अब सवाल फिर वही खड़ा होता है कि क्या बीजेपी किसान आन्दोलन से सहमी हुई है ? जिसके चलते वह इस पारकर के कदम उठा रही है, जो लोकतंत्र की दृष्टि से कहीं भी ठीक नहीं साबित होते. क्या यूपी में बीजेपी को अखिलेश से डर लग रहा है ?

किसान आन्दोलन को प्राप्त है समर्थन

ज्ञातव्य हो कि केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान व्यापक रूप में आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर एकत्र किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। उधर सरकार ने किसान संगठनों के साथ कई स्तर की बातचीत की लेकिन वार्ता का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। जिसके बाद किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया था। जिनको विभिन्न राजनैतिक पार्टियों का समर्थन प्राप्त हुआ। और राजनीतिक दलों ने भी भारत बंद में शामिल होने की बात कही।

आन्दोलन में सम्मिलित होते अखिलेश

इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कन्नौज पहुंचकर किसानों के समर्थन में उतरने वाले थे। यहां वह सपा द्वारा प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी ठठिया से तिर्वा तक निकाली जाने वाली किसान यात्रा में शामिल होने वाले थे। इससे पहले कि वह समय आ पाता, पुलिस प्रशासन ने उनके आवास क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया। उनके आवास विक्रमादित्य मार्ग को पूरी तरह छावनी में बदल दिया गया है।

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