पीएम मोदी ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को किया संबोधित, ये हैं बड़ी बातें…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल की विश्व भारती विश्वविद्यालय शांति निकेतन के शताब्दी समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छात्रों को संबोधित किया. विश्वभारती विश्वविद्यालय देश की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(pm modi) पश्चिम बंगाल की विश्व भारती विश्वविद्यालय शांति निकेतन के शताब्दी समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छात्रों को संबोधित किया. विश्वभारती विश्वविद्यालय देश की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है. पीएम मोदी(pm modi) ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि, भारत की आत्मा, भारत की आत्मनिर्भरता और भारत का सम्मान एकदूसरे के साथ जुड़े हुए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि, भारत के सम्मान के लिए बंगाल की तमाम पीढ़ियों ने खुद को न्योछावर कर दिया. पीएम मोदी(pm modi) ने विश्वविद्याल के सौ साल पूरे होने पर कहा कि, ये दिन भारतवासियों के लिए बहुत गर्व की बात है और मेरे लिए भी ये सुखद क्षण है.

आइये जानते हैं पीएम मोदी की वो बड़ी बातें जो उन्होंने संबोधन के दौरान कही…

भारत इंटरनेशनल सोलर एलायंज के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्व में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है. भारत पूरे विश्व में इकलौता बड़ा देश है जो पेरिस अकॉर्ड के पर्यावरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सही मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है.
जब हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं तो हमारे मन में सीधे 19-20वीं सदी का विचार आता है. लेकिन ये भी एक तथ्य है कि इन आंदोलनों की नींव बहुत पहले रखी गई थी. भारत की आजादी के आंदोलन को सदियों पहले से चले आ रहे अनेक आंदोलनों से ऊर्जा मिली थी.
भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता को भक्ति आंदोलन ने मजबूत करने का काम किया था. हिंदुस्तान के हर क्षेत्र, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में हमारे संतों ने, महंतों ने, आचार्यों ने देश की चेतना को जागृत रखने का प्रयास किया.
भक्ति आंदोलन से हम एकजुट हुए, ज्ञान आंदोलन बौद्धिक मजबूती दी और कर्म आंदोलन ने हमें अपनी लड़ाई का हौसला और साहस दिया. सैकड़ों सालों के कालखंड में चले ये आंदोलन त्याग, तपस्या और तर्पण की अनूठी मिसाल बन गए थे.
वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद के चिंतन में भी मुखर थी और ये धारा अंतर्मुखी नहीं थी. वो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग रखने वाली नहीं थी. उनका विजन था कि जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है, उससे विश्व को लाभ हो और जो दुनिया में अच्छा है, भारत उससे भी सीखे.
विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है. आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है. ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है.
पौष मेले के साथ वोकल फॉर लोकल का मंत्र हमेशा से जुड़ा रहा है. जब हम आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता की बात कर रहे हैं तो विश्वभारती के छात्र-छात्राएं पौष मेले में आने वाले कलाकारों की कलाकृतियां ऑनलाइन बेचने की व्यवस्था करें.

ये भी पढ़ें – अगर आप भी हैं डायबिटीज के रोगी तो जरूर जान लें ये बातें वरना ….

बता दें कि, विश्वभारती विश्वविद्यालय को 1921 में स्थापित किया गया और देश का सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय है. इस यूनिवर्सिटी को साल 1951 में संसद के एक अधिनियम के तहत राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया था. प्रधानमंत्री इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं. गौरतलब है कि, इससे पहले पीएम मोदी(pm modi) ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में भी शामिल हुए थे.

Related Articles

Back to top button