एक पौधा जो बचा सकता है आपका लाखों का मेडिकल बिल, जानिए कैसे

आयुर्वेद में इलाज की मुख्य विधि ही पौधे हैं, एक और जहां तुलसी , गिलोय,नीम जैसे पौधे व पेड़ आपकी

आयुर्वेद में इलाज की मुख्य विधि ही पौधे हैं, एक और जहां तुलसी , गिलोय,नीम जैसे पौधे व पेड़ आपकी सेहत को तंदुरुस्त रखने में मदद करते हैं। वहीं कई ऐसे भी पौधे हैं जो आपके यहां मच्छर तक आने रोकते हैं, ताकि आप बीमार न हो सकें।

पौधे किसे अच्छे नहीं लगते। ये आपकों आॅक्सीजन देते हैं, आपके पर्यावरण के अहम हिस्से हैं। आपको फल फूल सब्जी और तो और दवा तक देते हैं।

नर्सरी से आप भी काफी सूखबसूरत पौधे लाते ही होंगे। लेकिन यहां हम एक खास तरह के पौधे के बारे में बता रहे हैं। जो न केवल खूबसूरत है बल्कि आपके लिए काफी फायदेमंद भी है।

जानकारों का तो यहां तक दावा है कि मात्र 10 रुपए के इस पौधे की मदद से आप कम से कम 5 लाख रुपए के MEDICAL BILL को बचा सकते हैं। जबकि कई का तो ये भी कहना है कि यह एक तरह का HEALTH INSURANCE है जो आपको कभी बीमार ही नहीं पड़ने देता।

इस पौधे को कई नामों से जाना जाता है। जैसे पणपुट्टी, भष्मपथरी, पत्थरचट्टा व पाषाणभेद आदि। असल में इस पौधे का वैज्ञानिक नाम bryophyllum pinnatum है।

कहा जाता है कि पत्थरचट्टा या पाषाणभेद का इस्तेमाल या सेवन करने से किडनी की पथरी और प्रोस्टेट ग्रंथि से संबंधित किसी भी तरह की बीमारी का सटीक रूप से ठीक हो सकती है।

औषधीय गुण:

पत्थरचट्टा कई प्रकार के प्राकृतिक और औषधीय गुणों bryophyllum pinnatum medicinal properties से भरपूर होता है। यही वजह है इसका प्रयोग बाहरी और आंतरिक दोनों तरीकों से किया जाता है।

जैसे यदि शरीर में किसी तरह के बाहरी रोग जैसे घाव, खून का बहना, जलन, फोड़े व फुंसी आदि में बहुत फायदेमंद होता है ये पत्थरचट्टा। इसके अलावा यदि शरीर में आंतरिक रोग जैसे पेशाब संबंधी रोग, पथरी आदि में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

ऐसा होता है स्वाद…

जब आप पत्थर चट्टा का पौधा खाते हो तो हम आपको बता दें कि इसका स्वाद नमकीन व खट्टा होता है। कई बार तो ये पौधा बहुत ही स्वादिष्ट भी लगता है। इस पौधे की तासीर सामान्य रहती है। जिसके कारण आप किसी भी मौसम में इसका सेवन कर सकते हैं।

कैसे उगाया जाता है पत्थरचट्टा

इस पौधे को अपने घर में उगाने का बहुत ही आसान सा तरीका है। यदि आप इसके पत्तों को केवल जमीन में डाल देते हैं तो यह कुछ समय बाद वहां पर उगना शुरू हो जाएगा।

इस तरह करें इस्तेमाल…

आयुर्वेदक में इस पौधे के सेवन का विशेष नियम है। जैसे की इस पौधे के केवल दो ही पत्तों को तोड़कर और इसे साफ करके इसका सेवन सुबह उठकर खाली पेट गरम पानी के साथ करना चाहिए। और जब आप ऐसा रोज करेंगे तो इससे पथरी कुछ ही दिनों में पूरी तरह से टूटकर खत्म हो जाएगी।

यदि आप पत्थरचट्टे के पत्तों को बारीक चबा-चबाकर खाते हो या फिर इसका प्रयोग आप पकौड़ी बनाते समय करके इसका सेवन करते हो तो, ये भी आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

पेट दर्द में फायदेमंद:

यदि आपको पेट में दर्द हो रहा हो तो आप थोड़ा सा पत्थरचट्टा का रस निकालें और फिर उसमें थोड़ा सा अदरक का चूर्ण यानि की सौंठ को मिला लें और फिर इसका सेवनPatharchatta in stomach pain in hindi करें। एैसा करने से पेट दर्द से राहत मिलती है।

पित्ताशय की पथरी में भी देता है फायदा:

जिन लोगों को पित्ताशय में पथरी हो वे पत्थरचट्टा के दस पत्ते लें और फिर उन्हें कूट पीसकर उसकी लगुदी यानि पेस्ट बना लें। फिर इसमें अजवायन के दस पत्तों से बने चूर्ण को मिला लें और फिर एक चम्मच गोखरू फिर इसमें डाल दें। और खाली पेट सुबह कम से कम तीन से चार दिनों तक इसका सेवन करें।

कहा जाता है कि इससे पित्ताशय की पथरी से मुक्ति Patharchatta in stone problem in Hindi मिल जाएगी। लेकिन जब आप इस उपाय को करेंगे तो आपको उल्टिया व दस्त आदि भी लग सकते हैं। आप इस बात की प्रवाह ना करें। इसके अलावा आपको बता दें की गोखरू आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा।

यदि ये उपाय आप से ना हो तो केवल दिन में कम से कम तीन बार आप पत्थरचट्टा पौधे के पत्तों का सेवन जरूर करते रहें।

घाव व बहारी चोट:

यदि किसी कारण से हमें चोट, घाव, फोड़े व फुंसी हो जाए तो आप केवल पत्थरचट्टे के पत्तों को अच्छे से पीसकर उन जगहों पर लगाएं। इससे ये चीजें आसानी से ठीक हो जाएंगी। साथ ही आपको राहत भी मिलेगी।

मूत्र मार्ग की पथरी:

यदि पेशाब वाले रास्ते में पथरी हो तो आप पथरचट्टा पौधे के दस पत्ते लें और और इन्हें एक गिलास पानी के साथ मिलाकर रोज इसका सेवन खाली पेट करें। माना जाता है कि ऐसा लगातार किए जाने से केवल दस से पंद्रह दिनों में पथरी टूटकर पेशाब के रास्ते Patharchatta uses in urine stone निकल जाती है।

इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि मूत्र संबंधी अन्य रोगों में भी ये पत्थरचट्टा कारगर उपचार करता है।

पेशाब की जलन:

यदि आपको पेशाब करते हुए जलन महसूस होती हो। या पुरूषों में प्रोस्टेट संबंधी समस्या हो अथवा महिलाओं में सफेद प्रदर की समस्या उन सभी में पत्थरचट्टा पौधा Patharchatta ke fayde peshab ki jalan meiबहुत ही लाभदायक माना जाता है।

गठिया में

आप पत्थरचट्टे का इस्तेमाल गठिया की समस्या को दूर करने के लिए भी कर सकते हो। इसका सेवन करना इन रोगों में राहत देता है।

ठंडक देता है

शरीर की गरमी को शांत करके ठंडक पहुंचाने का काम करता है। ये पौधा। इसके अलावा लीवर और किडनी को भी दुरूस्त बनाता है।

पेट का अल्सर

पेट में छाले की वजह से घाव बनना पेट का अल्सर कहलाता है। एैसे में आप पत्थरचट्टेक का सेवन जरूर करें।

कॅल्यूसीस का उपचार

इस समस्या का भी कारगर उपचार है पत्थरचट्टा।

बालों की रूसी

यदि बालों पर रूसी अधिक हो तो आप जरूर पत्थरचट्टे का सेवन करें। इससे ये समस्या आसानी से दूर हो जाती है।

सिर दर्द

सिर में दर्द हो तो आप इस पौधे के पत्ते का सेवन पानी के साथ करें।

कान दर्द

यदि कान में दर्द हो तो भी पत्थरचट्टा बहुत ही फायदेमंद होता है।

इन बातों का रखें खास ध्यान:

सभी जानते हैं कि जब शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है तो फिर यह पथरी का रूप धारण कर लेती हैं जिसकी वजह से इंसान को दर्द भी अधिक होता है। लेकिन पत्थरचट्टा में मौजूद गुण इस कैल्शियम के बढ़े हुए प्रभाव को कम कर देते हैं।

आपको पता है की ये औषधि बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए पथरी से ग्रसित लोगों को इसका सेवन तब तक करते रहना है जब तक पथरी पूरी तरह से बाहर ना निकल जाए।

जब भी आप इसका इस्तेमाल करें तो बिना साफ व धोए हुए फलों का सेवन ना करें। साथ ही चावलों का भी। ये एक तरह का परहेज भी है।

ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

आप जब कभी भी पत्थरचट्टा पौधे का सेवन करें तो जरूर इस बात का ख्याल रखें की इसके सेवन के बाद आप एक घंटे तक कुछ ना खाएं अथवा पीयें। जरूर से ज्यादा आप इस पौधे का सेवन ना करें।

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