जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा पेट्रोल और डीजल, कीमतें और बढ़ने के आसार

पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने से इसकी कीमतों में कमी आने की उम्मीद लगाए लोगों को जबरदस्त झटका लगा है।

पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने से इसकी कीमतों में कमी आने की उम्मीद लगाए लोगों को जबरदस्त झटका लगा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आने की वजह से देश में पेट्रोल, डीजल की खुदरा कीमतों में और वृद्धि की आशंका सताने लगी है। अगस्त के शुरू में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन इसी महीने के अंतिम सप्ताह से लगातार उछाल आना शुरू हो गया।

लखनऊ में हुए जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक से आम लोगों की राहत की उम्मीद थी, लेकिन वहां भी मायूसी ही हाथ लगी। काउंसिल की बैठक में पेट्रोल-डीजल पर चर्चा हुई, लेकिन इसके पक्ष में निर्णय नहीं लिया जा सका। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद कहा कि जीएसटी काउंसिल का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का नहीं है। जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक के बाद निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि डीजल में मिलाए जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।

जुलाई की तुलना में इस साल अगस्त में अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की औसत कीमत में प्रति बैरल तीन डॉलर से अधिक की गिरावट हुई थी। ऐसा अमेरिका और चीन के आर्थिक आंकड़ों और कोरोना वायरस के तेजी से फैलते डेल्टा वेरिएंट के कारण एशिया में आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों के बीच हुआ था। इस कारण से 18 जुलाई के बाद से तेल मार्केटिंग कंपनियों ने कीमतों में मामूली कटौती की थी ।

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