बड़ी खबर: मुस्लिमों की शादी पर संकट, शरीयत कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
हमारे समाज में शादी (Marriage) सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। शादी का रिश्ता सिर्फ दो लोगों को ही नहीं, बल्कि दो परिवारों का भी जोड़ता है।
हमारे समाज में शादी (Marriage) सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। शादी का रिश्ता सिर्फ दो लोगों को ही नहीं, बल्कि दो परिवारों का भी जोड़ता है। वहीं, मुस्लिम समुदाय (Muslim community) के लोगों को एक से अधिक निकाह करने की अनुमति को लेकर अब कोर्ट (Court) में चुनौती (petition) दी गयी है।
कोर्ट में दायर की याचिका (petition)
दरअसल, शरीयत में मुस्लिम (Muslim) पुरुषों को एक पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी करने की इजाजत होती है। हालांकि, शरीरत के इस कानून के खिलाफ महिलाओं के एक समूह ने शरिया कानून और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत सुप्रीम कोर्ट (Court) में अपील (petition) दायर की है, जिसमें इस कानून को असंवैधानिक लागू करने की मांग की गयी है।
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वकील विष्णु शंकर जैन ने दायर की याचिका (petition)
अंग्रेज़ी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक, वकील विष्णु शंकर जैन के जरिये कोर्ट (Court) में ये याचिका दायर की गई है। अपनी अपील में याचिकाकर्ता ने दलील दी कि किसी एक समुदाय को एक से अधिक विवाह की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
उनके अनुसार, संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन्स भी एक से अधिक विवाह के खिलाफ है। उनका कहना है कि “यह विडंबना है कि व्यक्तिगत क़ानून की उपयुक्तता के आधार पर आईपीसी की धारा 494 के तहत एक से अधिक विवाह दंडनीय हैं।”
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अन्य समुदाय के साथ पक्षपातपूर्ण कानून
कोर्ट में दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि हिंदू, ईसाई और पारसी कानून के तहत इस प्रथा पर रोक है, लेकिन मुस्लिम (Muslim) पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लिकेशन एक्ट, 1937 के सेक्शन-2 के तहत इसकी इजाजत है।
शालीनता और नैतिकता के भी खिलाफ कानून
यह याचिका में यह भी कहा गया है कि “संविधान के अनुच्छेद-14 के अनुसार, यह भेदभावपूर्ण है और यह सार्वजनिक नीति, शालीनता और नैतिकता के भी खिलाफ है।”
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आईपीसी की धारा के तहत याचिका (petition)
आपको बता दें कि आईपीसी की धारा-494 के तहत यह प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति एक पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करता है, तो उसे अमान्य माना जाता है और शख्स को एक साल की सजा दी जा सकती है। हालांकि, ये कानून मुस्लिम (Muslim) पुरुषों के लिए नहीं है। साभार
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