बड़ी खबर: कोविड वैक्सीन लेने वालों को हुआ ‘लकवा’, कम्पनी ने कहा…
एक ओर जहां कोरोना महामारी से जकड़ी पूरी दुनिया इससे निजाद पाने के लिए लगातार अपनी कोशिशों में जुटी है और इस खतरनाक वायरस का तोड़ तैयार करने के लिए तमाम प्रयास कर रही है।
एक ओर जहां कोरोना महामारी से जकड़ी पूरी दुनिया इससे निजाद पाने के लिए लगातार अपनी कोशिशों में जुटी है और इस खतरनाक वायरस का तोड़ तैयार करने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। इसी बीच अमेरिका की एक कंपनी ने कोविड वैक्सीन (Corona vaccine) को लेकर बड़ा दावा किया, जिसने लोगों में एक उम्मीद पैदा कर दी। हालांकि, वैक्सीन का टीका आम लोगों को लगाना शुरू कर दिया गया है, लेकिन इसके पहले डोज लेने के बाद सामने आए परिणाम ने एक बार फिर लोगों की उस उम्मीद पर पानी फेर दिया है।
कोरोना वायरस (Corona vaccine) के खिलाफ 95 फीसदी असरदार
आपको बता दें कि वैक्सीन (Corona vaccine) तैयार करने का दावा अमेरिका की दवा कम्पनी फ़ाइज़र और बायोएनटेक ने किया है, जिसे कोरोना वायरस के खिलाफ 95 फीसदी असरदार बताया है।
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वैक्सीन (Corona vaccine) लेने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों में एलर्जी की शिकायत
यूके में दवा कम्पनी फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन आम लोगों को लगाने का काम शुरू किया गया है। इसका पहला डोज़ लेने के बाद ब्रिटेन के दो स्वास्थ्यकर्मियों ने एलर्जी की शिकायत की और उनका ब्लड प्रेशर भी गिरने लगा। उनकी स्किन पर रैश होने लगे और सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी।
स्वास्थ्यकर्मियों में होने वाली प्रतिक्रिया को मेडिकल भाषा में ऐनाफ़ायलैक्टॉयड प्रतिक्रिया कहा जाता है, जो लोगों को एलर्जी के समय होती है। हालांकि, इसके बाद दोनों स्वास्थ्यकर्मियों का इलाज किया गया और बताया जा रहा है कि दोनों की हालत अब स्टेबल है।
इस बारे में यह जानकारी भी सामने आ रही है कि दोनों स्वास्थ्यकर्मी पहले से एलर्जी के मरीज़ रहे हैं, जो इमरजेंसी के लिए हमेशा अपने पास एड्रीनलीन के इंजेक्शन रखते थे। हालांकि, यह दावा किया गया है कि वैक्सीन (Corona vaccine) का ऐसा रिएक्शन ट्रायल के समय सामने नहीं आया था।
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वैक्सीन (Corona vaccine) न लगवाने के निर्देश
BBC के मुताबिक, MHRA ने ये भी कहा है कि अभी वैक्सीन न लगवाने के निर्देश उन्हीं लोगों के लिए हैं, जिन्हें किसी भी खाने की चीज, दवा से एलर्जी होती है।
वहीं, अमेरिका में फ़ाइज़र की वैक्सीन के ट्रायल के दौरान बेल्स पाल्सी यानी लकवा मारने के मामले सामने आए हैं। बेल्स पाल्सी यानी चेहरे पर लकवा मार जाना, जिसमें चेहरे की एक तरफ़ की मांसपेशियां झूल जाती हैं।
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बेल्स पाल्सी (लकवा) के मामले
बता दें कि अमेरिका में हुए ट्रायल में 21,720 लोगों मे से वैक्सीन लेने वाले 4 लोगों में बेल्स पाल्सी के मामले सामने आए। हालांकि, ऐसे परिणामों को देखते हुए फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने बयान जारी करते हुए कहा कि ट्रायल में चार लोगों में ऐसा पाया जाना, ये कहीं से नहीं जताता कि सभी लोगों को वैक्सीन दिए जाने पर भी ऐसा ही होगा।
अमरीका में बनी फ़ाइज़र की इस वैक्सीन को सबसे पहले यूके में लोगों के इस्तेमाल में लाई जा रही है। यूके की हेल्थ रेगुलेटरी MHRA ने बेल्स पाल्सी जैसे रिएक्शन के बाबत USFDA के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि चार केसों का मतलब ये नहीं है कि पूरी आबादी को वैक्सीन दिए जाने पर ऐसा ही होगा, लेकिन फिर भी सारे साइड इफ़ेक्ट्स और उससे जुड़ी बातों की स्टडी की जाएगी।
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