पेपर लीक कराने वाली कंपनी को मिला PET Exams का जिम्मा, छात्रों के करियर के साथ क्यों खेल रही सरकार

उत्तर प्रदेश सबोर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन कमीशन की ओर से प्रिलिमनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट (PET 2021) के लिए परीक्षा की तारीखों की घोषणा हो गई है।

उत्तर प्रदेश सबोर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन कमीशन की ओर से प्रिलिमनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट (PET 2021) के लिए परीक्षा की तारीखों की घोषणा हो गई है। यूपीएसएसएससी की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार पीईटी परीक्षा (UPSSSC PET Exam Date 2021) 20 अगस्त को आयोजित की जाएगी।

उत्तर प्रदेश में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पहली बार PET यानी Pre eligibility Test की परीक्षा कराने वाला है, यानी अब UPSSSC परीक्षाओं से पहले एक प्री एग्जाम होगा जिसके बाद आप UPSSC के अंतर्गत आने वाली भर्तियां जैसे लेखपाल, VDO, अबकारी की परीक्षाओं में बैठ सकेंगे।

पूर्व में पेपर लीक कराने वाली कंपनी को मिला टेंडर
अब खबर है पीईटी परीक्षाओं(UPSSSC PET Exam Date 2021) को करवाने के लिए अहमदाबाद, गुजरात स्थित संस्था एडटेस्ट सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड को परीक्षा करवाने का कार्य सौंपा है। ये वही कंपनी है जिसपर बिहार SSC परीक्षाओं में पेपर लीक करवाने का आरोप है। इस कंपनी के मालिक विनित आर्या भी पेपर लीक करने के आरोप में करीब एक साल जेल में बंद रहे।

एडटेस्ट सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड संस्था के डायरेक्टर विनीत आर्य पिछले कई सालों से परीक्षा का कार्य करवाते आ रहे हैं ! वर्ष 2017 में इनकी कंपनी को बिहार सरकार की एक परीक्षा करवाने का अनुबंध मिला ! बिहार कर्मचारी चयन आयोग यानी बिहार SSC के माध्यम से विनीत आर्य जी की संस्था को बिहार SSC परीक्षा कराने का कार्य सौंपा गया! विनित आर्या और बिहार SSC के कुछ कर्मचारियों ने परीक्षा से पहले ही पेपर लीक करा दिया।

यानी सीधे- सीधे बिहार के लाखों के युवाओं के सपनों और जिंदगी के साथ खिलवाड़। बच्चों के भविष्य के साथ खेल हो जाने के बाद जब जांच हुई तो सरकारी एजेंसियों ने विनीत आर्य को दोषी पाया और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया और उनको हिरासत में लिया गया !

22 लाख युवाओं के करियर के साथ खेल क्यों?
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एडटेस्ट सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड को PET परीक्षाओं का जिम्मा सौंपा है। ऐसी ऐसी संस्था को 22 लाख युवाओं के करियर का जिम्मा सौंपा गया जिस के अधिकारीयों पर पहले ही से परीक्षा करवाते समय प्रश्न पत्र लीक करने के तहत आपराधिक मामला चल रहा है,
अब सवाल उठना तो लाजमी है । हम सरकार से पूछते हैं कि एक ऐसी कंपनी जिसपर पेपर लीक के आरोप हों उसे यूपी राज्य की महत्वपूर्ण PET परीक्षा का कार्य क्यों सौंपा गया है?????

आखिर आरोपी कंपनी को इतना बड़ा जिम्मा मिल कैसे गया। आखिर प्रदेश के लाखों युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों करना चाहती है सरकार।

कैसे मिला एक आरोपी कंपनी को इतना बड़ा जिम्मा?
सरकार जवाब दे या न दे द यूपी खबर आपको बताता है कि एक पेपर लीक आरोपी कंपनी एडटेस्ट सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इतना बड़ा जिम्मा सौंपा कैसै।

सुत्रों की माने तो इस पूरी कहानी के मुख्य किरदार है प्रबीर कुमार । जी हां प्रबीर कुमार वही जो उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग चेयरमैन हैं। इनकी अगुवाई में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने PET परीक्षाओं का टेंडर निकाला। देश विदेश की कंपनियों ने अप्लाई किया लेकिन टेंडर मिला किसे। टेंडर मिला पेपर लीक आरोपी कंपनी एडटेस्ट सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड को । वो भी बेस प्राइस से भी कम दाम में।

सूत्र तो यह भी बता रहे कि यह उत्तर प्रदेश में होने वाली परीक्षाओं में सबसे बड़ा स्कैम है।
साथ ही जो सेंटरों के लिए शुल्क तय की गई है वो 25 रुपए प्रति कैंडिडेट जहां सरकारी रेट 67 रुपए प्रति कैंडिडेट है वहां 25 रुपए सोचकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि परीक्षा कैसे होगी किन परिस्थितियों में होगी। जहां एक चपरासी अगर परीक्षा नियंत्रक का काम करेगा वहां की परीक्षा कैसे होगी।

UPSSSC ने गड़बड़ी के आरोपों को सिरे से किया खारिज
द यूपी खबर ने जब  उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन प्रबीर कुमार से बात की तो प्रबीर कुमार ने सभी आरोपों को निराधार बताया और विरोधियों की साजिश बताते हुए कहा कि हम जानते हैं कि इसके पीछे कौन हैं। हम बेस प्राइस के नीचे टेंडर दे ही नहीं सकते । ये स्थिति ना सिर्फ परीक्षार्थियों के लिए अन्याय है बल्कि राज्य के लिए भी संदेहास्पद गतिविधि है। एक ओर योगी सरकार जीरो टोलरेंस जीरो करप्सन की बात करती है तो दूसरी ओर प्रदेश के युवाओं ओर छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। आखिर ये कबतक चलेगा। इस की पूर्ण रूप से जांच होनी चाहिए की कैसे ऐसी आपराधिक मामले में ग्रस्त संस्था को किन परिस्थितियों में ऐसी महत्वपूर्ण परीक्षा का कार्य सौंपा गया है।

Related Articles

Back to top button