कृषि संशोधन विधेयक पर हमलावर हुए विपक्षी दल
कृषि से संबंधित विधेयकों को लेकर विपक्षी दल केन्द्र सरकार पर हमलावार बने हुए हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है और इसे खेती को अमीरों के हाथों गिरवी रखने वाला शोषणकारी विधेयक करार दिया है। अखिलेश ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, भाजपा सरकार खेती को अमीरों के हाथों गिरवी रखने के लिए शोषणकारी विधेयक लाई है। ये खेतों की मेड़ तोडऩे का षड्यंत्र है और साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने वाली मंडियों के धीरे-धीरे खात्मे का भी। भविष्य में किसानों की उपज का उचित दाम भी छिन जाएगा और वह अपनी ही जमीन पर मजदूर बन जाएंगे।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी अपने ट्विट में कहा, एक तो किसानों की आत्महत्या जारी है, ऊपर से यह कृषि संशोधन विधेयक किसानों की बर्बादी की गारंटी है। सरकार की इस विधेयक के बहाने पूंजीवादी व्यवस्था लाने की काली चाल है। सरकार एमएसपी व्यवस्था को खत्म करने को कानूनी व्यवस्था करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम किसानों के साथ है,लड़ाई आखिरी दम तक लड़ेंगे। गौरतलब है कि कृषि संबंधी बिलों को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी आपत्ति जताई है। उन्होंने इन बिलों का विरोध किया है। साथ ही कहा है ये सरकार को सोचना चाहिए कि देश का किसान क्या चाहता है।
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