फसल चराने का विरोध करने पर दबंगों ने दलित युवक के साथ किया ऐसा सलूक, जानकर कांप जाएगी रूह
फ़तेहपुर में खेत में फसल चराने का विरोध करना एक दलित युवक को मंहगा पड़ गया। दबंगो ने कुल्हाड़ी से हमलाकर युवक को लहूलुहान कर दिया।
फ़तेहपुर में खेत में फसल चराने का विरोध करना एक दलित युवक को मंहगा पड़ गया। दबंगो ने कुल्हाड़ी से हमलाकर युवक को लहूलुहान कर दिया। घटना बकेवर थाना इलाके के टिकरा गांव का है। पुलिस ने परिजनों के शिकायत पर दो आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मारपीट का केस दर्ज कर लिया है, और घायल युवक को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिजनों का आरोप है कि कारागार राज्यमंत्री जय कुमार जैकी का थाने में फोन आ गया। जिसके बाद से पुलिस ने आरोपियों को नही गिरफ्तार किया।
बकेवर थाना इलाके के टिकरा गांव का रहने वाला दलित संकटा प्रसाद खेती किसानी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। आरोप है कि गांव के छोटकू और पिंटू नाम के दो युवक उसके खेत में बकरी से फसल चरा रहे थे। तभी दलित किसान के बेटे धर्मेंद्र ने फसल चराने का विरोध किया। जिसके बाद उसे जाति सूचक शब्दो का प्रयोग करते हुए दोनो आरोपियों ने लाठी और कुल्हाड़ी से सिर पर हमलाकर लहूलुहान कर दिया। जिसके बाद दलित युवक बिहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा।
बेटे के साथ मारपीट की सूचना के बाद उसके माता-पिता मौके पर पहुंचे और खून से लहुलुहान बेटे को लेकर थाने पहुंचे। परिजनों के तहरीर पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर लिया और घायल को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहाँ प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
घायल युवक की माँ कमला देवी का कहना है कि पुलिस ने उसके पति के तहरीर के आधार पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया है, लेकिन कारागार राज्यमंत्री जयकुमार जैकी का इस दौरान थाने में फोन आ गया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को नही गिरफ्तार किया। वहीं घटना के बाद से दोनों आरोपी गांव में छुट्टा घूम रहे हैं। बता दें की कारागार राज्यमंत्री जयकुमार जैकी के विधानसभा क्षेत्र जहानाबाद के टिकरी गांव का मामला है।
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कुल्हाड़ी से युवक पर हुए हमले के बाबत जब मीडिया कर्मियों ने सीओ बिंदकी योगेंद्र मलिक से जानकारी चाही और आधिकारिक तौर पर बयान उपलब्ध कराने की उनसे अपेक्षा की गई तो सीओ साहब ने बताया कि वह एसपी के अनुमति के बिना घटनाओ पर अपना बयान देने के लिए अधिकृत नही है। एसपी प्रशांत वर्मा ने उन्हें मना कर रखा है। जिस मामले में एसपी कहते है, वह सिर्फ उसी मामले में अपना बयान मीडिया को देते है। जब एसपी की अनुमति मिली जाएगी तो घटना के बाबत बयान दिया जाएगा।
जब घटना के बाबत एएसपी राजेश कुमार से फोन पर मीडिया कर्मियों ने बात कर घटना के सम्बंध में आधिकारिक बयान उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की तो तुरंत बाद ही सीओ बिंदकी योगेंद्र मलिक ने अपना आधिकारिक बयान मीडिया को जारी किया। सीओ ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर अग्रिम विधिक कार्यवाई की जा रही है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि आखिर दलित परिवार को कब इंसाफ मिल पाता है?
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