आजमगढ़ रोडवेज के परिचालक ने विभाग को करीब डेढ़ लाख का लगाया चुना

कोरोना के पहले व दूसरे दौर में महानगरों व अन्य जिलों में फंसे लोगों के लिए अपने घर लौटने के लिए रोडवेज बस ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई थी ।

कोरोना के पहले व दूसरे दौर में महानगरों व अन्य जिलों में फंसे लोगों के लिए अपने घर लौटने के लिए रोडवेज बस ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई थी । उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने पहले दौर के दौरान तो पूरे यूपी में फ्री में लोगों को उनके गृह जनपद तक पहुंचाने का काम किया था हालांकि इसके लिए विभाग को काफी घाटा भी सहना पड़ा था।

लॉकडाउन खत्म होने पर लोगों की आवाजाही बढ़ने पर विभाग को आर्थिक संकट से जूझने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही थी। लेकिन ऐसे दौर में भी इनके कुछ विभाग के कुछ कर्मचारी भी अपने शातिर दिमाग व भ्रष्टाचार की चाहत के चलते विभाग को चूना लगाने में पीछे नहीं हटे ऐसे ही एक मामले का भंडाफोड़ आजमगढ़ रोडवेज विभाग में हुआ है।

विओ:-बता दे कि जहां पर अंबेडकर डिपो के परिचालक की करतूत पकड़ में आई जिसने पिछले 8 महीने में विभाग को करीब डेढ़ लाख लगा दी बताया जा रहा है। कि परिचालक विनय कुमार गुप्ता निवासी जहानागंज आजमगढ़ दीपू से बस लेकर अपने गंतव्य स्थल पर जाता था। और जो भी टिकट का पैसा उसको मिलता था हर 20 या 25 दिन के अंदर उसमें कुछ गड़बड़ी कर देता था कैश व बैग जमा कराने में सिस्टम के लूप होल का सहारा लेकर कैश नहीं जमा कराता था लेकिन लिखा पढ़ी में वह जमा हो जाता था करीब 3 दिन पहले उसकी यह करतूत पकड़ में आ गई।

तब आरएम अतुल त्रिपाठी ने इसकी विधिवत जांच करवाई जांच में पिछले 8 महीने में उपरोक्त परिचालक की तरफ से 1 लाख 40 हजार से ज्यादा के कैश की गड़बड़ी का पता चला। इसके बाद हड़कंप मच गया आरएम ने जानकारी दी कि यह पता चला लगाया जा रहा है कि सिस्टम में कुछ कमी का फायदा उठाकर कितने परिचालकों ने इस तरह की एक करतूत को अंजाम दिया है हालांकि इसमें कैश जमा करने में शामिल कुछ कर्मचारियों के भी मिलीभगत की संभावना है।

जिसकी विधिवत जांच की जा रही है फिलहाल परिचालक विनय कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है उसने अपनी गलती मान ली है और अपना कैश जमा करा दिया है लेकिन अगर कोई अन्य कर्मचारी भी इस तरह की गड़बड़ी में शामिल मिलता पाया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्टर अमन गुप्ता

 

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