लखनऊ : PGI में बिना अपॉइंटमेंट नही होगी डॉक्टर से मुलाकात, नए नियम को जानिए

संजय गांधी पीजीआई में कोरोना के चलते लॉक डाउन से बन्द चल रही ओपीडी कल यानी 1 अक्‍टूबर से शुरू हो रही है, हालांकि अभी 10 नये और पांच पुराने मरीज ही देखे जायेंगे, इन मरीजों को भी पहले चिकित्‍सक से सहमति लेनी होगी।

संजय गांधी पीजीआई (PGI) में कोरोना(corona) के चलते लॉक डाउन ( lock down) से बन्द चल रही ओपीडी कल यानी 1 अक्‍टूबर से शुरू हो रही है, हालांकि अभी 10 नये और पांच पुराने मरीज ही देखे जायेंगे, इन मरीजों को भी पहले चिकित्‍सक से सहमति लेनी होगी।

इस ओपीडी का संचालन संस्‍थान की नयी ओपीडी में होगा। इसके साथ ही ट्रॉमा सेंटर वाली ओपीडी सामान्य अस्पताल में शुरू होगी। आपको बता दें कि पिछले दिनों मुख्‍यमंत्री ने जनरल ओपीडी शुरू करने के निर्देश दिये थे, उसी के बाद से ओपीडी का स्‍वरूप तय करने की कवायद चल रही थी।

मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक डॉ अमित अग्रवाल ने इस सम्‍बन्‍ध में कार्यक्रम किया जारी

ज्ञात हो एसजीपीजीआई में ई ओपीडी काफी दिनों से चल रही है, लेकिन जनरल ओपीडी अब शुरू की जानी है, लेकिन इस जनरल ओपीडी का रास्‍ता भी ई ओपीडी से ही गुजरेगा, यानी डॉक्‍टर से फोन पर तारीख और समय मिलने के बाद ही ओपीडी में दिखाना संभव होगा। मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक डॉ अमित अग्रवाल ने इस सम्‍बन्‍ध में कार्यक्रम जारी कर दिया है।

ई ओपीडी की तर्ज पर पहले फोन पर सलाह लेनी होगी

कार्यक्रम के अनुसार ओपीडी में हर विभाग के 2 सीनियर रेजिडेंट और एक डॉक्टर मौजूद रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन ने सभी विभागाध्यक्ष के साथ बैठक में ओपीडी शुरू करने का निर्णय लिया। ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों को ई ओपीडी की तर्ज पर पहले फोन पर सलाह लेनी होगी।

मरीज ई ओपीडी के पुराने नम्बरों पर बात करेंगे। डॉक्टर फोन पर मरीज की बीमारी के बारे में पूछेंगे और अगर उचित समझेंगे तो फोन पर ही दवा बता देंगे और जरूरी समझेंगे तो ओपीडी में बुलायेंगे। यही नहीं अगर मरीज को ओपीडी में बुलाया जायेगा तो डॉक्‍टर ही तय करेंगे कि मरीज को कोविड की जांच कराने के बाद बुलाना है या बिना जांच कराये भी आ सकता है। यानी ओपीडी में आने वाले मरीजों की कोविड जांच डॉक्‍टर की सलाह पर निर्भर है।

डॉक्‍टर की सलाह पर ही मरीज को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के बाद मरीज को दिखाने की तारीख दी जायेगी। ओपीडी में देखने के बाद ही आगे का इलाज तय होगा और सर्जरी के केस में जरूरी होने पर उसका ऑपरेशन भी करेंगे।

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