नवरात्र प्रथम दिन दक्षिण मुखी देवी मंदिर में सुबह से उमड़ी भक्तों की भारी भीड़

आजमगढ़ में वासंतिक नवरात्र के प्रथम दिन देवी मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन इन सबके बीच आजमगढ़ शहर के चौक स्थित दक्षिण मुखी मंदिर का एक विशेष महत्व है

आजमगढ़ में वासंतिक नवरात्र के प्रथम दिन देवी मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन इन सबके बीच आजमगढ़ शहर के चौक स्थित दक्षिण मुखी मंदिर का एक विशेष महत्व है। यूं तो पूरे देश भर में कई देवी मंदिर हैं और इन में स्थापित देवी देवताओं के प्रति श्रद्धालुओं में काफी आस्था है। वहीं आजमगढ़ में दक्षिणमुखी देवी मंदिर का एक अलग ही स्थान है। बता दें कि इस मंदिर के अलावा कोलकाता में ही स्थित काली देवी स्थापित हैं जिसमें देवी का चेहरा दक्षिण की तरफ है।आजमगढ़ शहर के मुख्य चौक पर स्थापित इस देवी मंदिर की विशेषता बताते हुए यहाँ के पुजारी का कहना है कि यह तांत्रिक मंदिर है और यहाँ के मंदिर का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि यहाँ से 4 रास्ते विभाजित हैं।

आजमगढ़ ही नहीं दूर दूर से लोग इस दक्षिण मुखी देवी का दर्शन पूजन कर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं। घर में कोई भी नया काम हो या अन्य प्रायोज़न बिना इनकी इजाज़त के नहीं होता है। शारदीय व चैत्र नवरात्र में यहाँ विशेष पूजन अर्चन होता है और याहन दर्शन के लिए भक्तों की कतार अलसुबह से ही लग जाती जो देर शाम तक जारी रहती है। वहीं नव वर्ष पर मान का श्रद्धालुओं के सहयोग से विशेष शृंगार होता है और देवी माँ को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगता है। यहाँ पर रंग बिरंगे विद्युत झालरों से अलग ही रुप दिया जाता है जिससे दृश्य मनोहारी हो जाता है। विशेष श्रृंगार का दर्शन करने को भी आजमगढ़ व आसपास के जनपदों से भीड़ उमड़ती है। महिला श्रद्धालुओं का कहना है कि अपने परिवार की सुख समृद्धि व अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं जो भी मांगते हैं माँ उसको पूरा करती हैं ऐसी मान्यता है।

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