मथुरा : गुरु पूर्णिमा पर ढप-ढोलक और मृदंग की धुन से गूंज उठा गोवर्धन, जीवंत हुई 500 वर्ष पुरानी परंपरा…

गोवर्धन में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोवर्धन में शनिवार को मुड़िया संतों ने 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए धूमधाम से मुड़िया शोभायात्रा निकाली।

गोवर्धन में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोवर्धन में शनिवार को मुड़िया संतों ने 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए धूमधाम से मुड़िया शोभायात्रा निकाली। हालांकि इस बार भी कोरोना वायरस के कारण शोभायात्रा में ज्यादा श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाए। राजकीय मुड़िया पूर्णिमा मेला पहले ही निरस्त किया जा चुका है। प्रशासन ने मुड़िया शोभायात्रा निकालने की अनुमति दी थी।

मुड़िया शोभायात्रा शनिवार सुबह चकलेश्वर स्थित सनातन गोस्वामी के समाधि स्थल से शुरू हुई। यह दसविसा हरदेवजी मंदिर होकर मानसी गंगा की परिक्रमा करते हुए निकली। शोभायात्रा पर जगह-जगह पुष्पवर्षा की गई। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण से कोरोना महामारी के सर्वनाश के लिए प्रार्थना की। इस अनूठी शोभायात्रा में मुड़िया संत ढप-ढोलक, मृदंग और हारमोनियम की धुन पर नाचते-गाते चल रहे थे। सैकड़ों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में हर साल हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती थी, लेकिन कोरोना के कारण शोभायात्रा में बहुत कम श्रद्धालु शामिल हो सके। जिला प्रशासन ने सशर्त शोभायात्रा निकालने की अनुमति दी थी। इसके चलते शोभायात्रा में आश्रम से जुड़े साधु-संत और स्थानीय लोग ही शामिल हो सके।

मुड़िया शोभायात्रा को लेकर मान्यता है कि 500 वर्ष पूर्व बंगाल के नवदीप से आए सनातन गोस्वामी चकलेश्वर स्थित भजन कुटी में भजन करते थे। वहां उनका गोलोकवास (निधन) हो गया। उनके गोलोकवास होने पर उस समय उनके शिष्यों ने पार्थिव शरीर के निकट बैठकर सिर मुड़वाए थे। उसी परंपरा को कायम रखते हुए हर वर्ष मुड़िया संत गुरु पूर्णिमा पर मुंडन कराकर शोभायात्रा निकालते हैं।

शोभायात्रा से पहले श्री राधाश्याम सुंदर मंदिर में मुड़िया महंत रामकृष्ण दास, श्यामसुंदर दास, अरुण दास, चेतन दास, हजारी दास, रविदास, गोपाल दास, राधेश्याम दास, हरेकृष्णा दास, साधना दास एवं अन्य बंगाली एवं विदेशी भक्तों ने मुंडन कराया। इस दौरान शिष्यों और अनुयायियों ने संकीर्तन भी किया। मुड़िया पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को सुबह प्रमुख मंदिरों और आश्रमों में गुरु पूजन किया गया। श्री राधाश्याम सुंदर मंदिर में मुड़िया संत रामकृष्ण दास के निर्देशन में गुरु पूजा हुई। सनातन गोस्वामी के अनुयायी साधु-संतों की मुड़िया शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के दौरान पुलिस मुस्तैद रही।

रिपोर्ट – श्रेया शर्मा

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