अखिलेश यादव के जिन्ना वाले बयान पर, औवेसी ने बताया अनपढ़
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने मोर्चा बना लिया है। इससे नेताओं के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने मोर्चा बना लिया है। इससे नेताओं के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी चुनाव प्रचार के एक दिन पहले यूपी के मुरादाबाद पहुंचे थे। यहां उन्होंने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सरदार पटेल की तुलना जिन्ना से करने के लिए अखिलेश यादव की खिंचाई की और कहा कि अखिलेश यादव एक अंगूठा छाप इंसान हैं।
इसके बाद भी ओवैसी नहीं माने और आगे कहा की अखिलेश रट्टू तोते की तरह बोलते हैं, जो लिखते हैं। ओवैसी ने अखिलेश को इतिहास पढ़ने की सलाह भी दी। खास बात यह है कि यूपी चुनाव में सपा प्रमुख जिन्ना पर चर्चा थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। 31 अक्टूबर को, अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली जिन्ना की सराहना की और कहा कि जिन्ना ने भारत की स्वतंत्रता में योगदान दिया था। इस बीच, अखिलेश ने कहा था, “सरदार वल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना ने एक ही संस्थान में अध्ययन किया और बैरिस्टर बन गए और भारत की आजादी के लिए किसी भी लड़ाई से पीछे नहीं हटे।” इस संबंध में अखिलेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। मामले की सुनवाई 2 दिसंबर को होनी है।
ओपी राजभर का बयान
वहीं, अखिलेश यादव के नए सहयोगी ओमप्रकाश राजभर भी जिन्ना के समर्थकों की सूची में हैं। राजभर ने बुधवार को वाराणसी में कहा था कि अगर जिन्ना को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाया जाता तो देश का बंटवारा नहीं होता। उनकी तारीफ क्यों करते हैं?” राजभर की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन किया है।
हालांकि चुनाव के दौरान विपक्ष के मुंह से जिन्ना की ये तारीफ बीजेपी के लिए एक मौका है। ऐसे में जिला परिषद के दिग्गज नेता भी चौके पर चौके मार रहे हैं। हाल ही में यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्विटर पर लिखा था कि ”कुछ विपक्षी नेता जल्द ही अपना सीना फाड़ देंगे और ‘जिन्ना’ की तस्वीर दिखाकर वोट मांगेंगे।”
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