राजभर बोले- अर्नब की गिरफ्तारी पर बिलबिला रही योगी सरकार ने एक साल में किया 40 पत्रकारों पर मुकदमा, तब कहां था लोकतंत्र?
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक अपनी आवाज बुलंद कर रही है. बीजेपी के शीर्ष नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर आपातकाल 2.0 के हालात पैदा करने का आरोप लगा रहे हैं.
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक अपनी आवाज बुलंद कर रही है. बीजेपी के शीर्ष नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर आपातकाल 2.0 के हालात पैदा करने का आरोप लगा रहे हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी नेताओं के बयानों पर पलटवार करते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने हमला बोला है. उन्होंने कहा कि एक साल में योगी सरकार(Yogi government) ने 40 पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और कई पत्रकारों को जेल भेजा तब लोकतंत्र की और आपातकाल की याद नहीं आई. लेकिन मुंबई में अर्णब की गिरफ्तारी पर सरकार बिलबिला रही है.
अर्नब की गिरफ़्तारी से इनको लोकतंत्र की याद आ रही है
सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर ने ट्वीट कर कहा कि, योगी सरकार में एक साल मे चालीस पत्रकारों पर FIR हुई। पत्रकारों की हत्या हो गयी. सरकार(Yogi government) के खिलाफ ख़बर लिखने पर EOW जैसी एजेंसी पीछे लगा दी गयी पर जो आज अर्नब की गिरफ्तारी पर बिलबिला रहे है वह ख़ामोश थे और अर्नब की गिरफ़्तारी से इनको लोकतंत्र की याद आ रही है. नौटंकी इसी को कहते है.
योगी सरकार में एक साल मे चालीस पत्रकारों पर FIR हुई ! पत्रकारों की हत्या हो गयी! सरकार के खिलाफ ख़बर लिखने पर EOW जैसी ऐजेसी पीछे लगा दी गयी पर जो आज अर्नब की गिरफ्तारी पर बिलबिला रहे है वह ख़ामोश थे और अर्नब की गिरफ़्तारी से इनको लोकतंत्र की याद आ रही है ! नौटंकी इसी को कहते है!
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) November 4, 2020
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इससे पहले ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर कहा था कि योगी सरकार(Yogi government) में मिड डे मील के नाम पर मासूम बच्चों को नमक रोटी परोसे जाने की खबर सामने लाने वाले मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल, आज़मगढ़ के पत्रकार संजय जायसवाल, प्रशांत कनौजिया भ्रष्टाचार उजागर करने वाले मनीष पांडेय के साथ UP सरकार ने जो किया वो क्या था? इमरजेंसी या रामराज?
योगी सरकार में मिड डे मील के नाम पर मासूम बच्चों को नमक रोटी परोसे जाने की खबर सामने लाने वाले मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल, आज़मगढ़ के पत्रकार संजय जायसवाल, प्रशांत कनौजिया भ्रष्टाचार उजागर करने वाले मनीष पांडेय के साथ UP सरकार ने जो किया वो क्या था ? इमरजेंसी या रामराज ? ✌️
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) November 4, 2020
सुभासपा चीफ ने लिखा कि पत्रकार गौरी लंकेश, नरेंद्र दाभोलकर पर जानलेवा हमले होते है। प्रशान्त कनौजिया को जेल में डाला जाता है. दलित पत्रकार मीना कोटवाल के साथ हाल ही में बिहार के मोतिहारी में बदसुलूकी की जाती है. तब अर्णव के समर्थन में उतरने वाले बीजेपी के लोग छुपे होते है या फंसे होते है?पूछता है भारत?
पत्रकार गौरी लंकेश,नरेंद्र दाभोलकर पर जानलेवा हमले होते है। प्रशान्त कनोजिया को जेल में डाला जाता है। दलित पत्रकार मीना कोटवाल के साथ हाल ही में बिहार के मोतिहारी में बदसुलूकी की जाती है। तब अर्णव के समर्थन में उतरने वाले बीजेपी के लोग छुपे होते है या फंसे होते है?पूछता है भारत?
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) November 4, 2020
बता दें कि, अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, वरिष्ठ पत्रकार श्री अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी कांग्रेस पार्टी के द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार है. देश में इमरजेंसी थोपने व सच्चाई का सामना करने से हमेशा मुंह छुपाने वाली कांग्रेस पुनः प्रजातंत्र का गला घोंटने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस समर्थित महाराष्ट्र सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को स्वतंत्र रूप से कार्य करने से रोकने का कुत्सित प्रयास है.
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