विरोधों के बीच नया संशोधन लागू, जम्मू-कश्मीर में अब कोई भी खरीद सकता है जमीन
....राज्य में लागू अनुच्छेद 370 में बदलाव करते हुए ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था।
पिछले वर्ष अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर राज्य में लागू अनुच्छेद 370 में बदलाव करते हुए ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था। राज्य को दो भागों में विभाजित कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिए थे। अब इसके बाद एक और अहम निर्णय लेते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के मालिकाना अधिकार में बदलाव कर दिया है। जिसके बाद अब यहां पर कोई भी व्यक्ति जमीन खरीद सकता है।
यह है पूरा मामला
बताते चलें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का अनुकूलन) का तीसरा आदेश, 2020 के जरिए जमीन कानूनों के संबंध में यह बड़ा बदलाव किया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक राजपत्रित अधिसूचना में जम्मू कश्मीर विकास अधिनियम की धारा-17 से “राज्य का स्थायी नागरिक” वाक्यांश हटा लिया है। जिसके बाद कोई भी जम्मू और कश्मीर में राह सकता है। वहां प्रॉपर्टी ले सकता है।
नया संशोधन लागू
ज्ञातव्य हो कि यह धारा केंद्र शासित प्रदेश में जमीन के निस्तारण से संबंधित है। यह नया संसोधन बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जमीन खरीदने का अधिकार प्रदान करता है। इस अधिनियम के अनुसार, ‘जहां यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है, वहीं जनरल क्लाट एक्ट- 1897 इस आदेश की व्याख्या के लिए लागू होता है। क्योंकि यह भारतीय क्षेत्र लागू कानूनों की व्याख्या के लिए लागू होता है।
कर रहे थे विरोध
हालांकि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस, अपनी पार्टी सहित कई राजनीतिक व गैर राजनीतिक संगठनों ने इसका विरोध किया था। इसको धोखा करार देते हुए वापस लेने की मांग की थी। इस पर राज्य बीजेपी इकाई सहित जेकेएपी ने भी विरोध किया था। जिसको लेकर जेकेएपी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व NSA अजीत डोभाल से भी मुलाकात की थी। लेकिन सभी अटकलों के बीच राज्य में जमीन से संबंधित सहित यह मुद्दा समाप्त हो गया है। और कोई भी वहां जमीन खरीद सकता है।
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