संतान गोद लेने के लिए जरूरी नही विवाह प्रमाण पत्र – इलाहाबाद हाईकोर्ट

एक कपल की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि संतान गोद लेने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट अब अनिवार्य नहीं है

प्रयागराज: एक कपल की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि संतान गोद लेने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट  अब अनिवार्य नहीं है. कोई भी एकल माता-पिता हिंदू दत्तक और रखरखाव अधिनियम, 1960 के तहत बच्चा गोद ले सकता है. दरअसल, एक ट्रांसजेंडर ने एक पुरुष के साथ 12 साल पहले शादी की थी. शादी के बाद कपल ने बच्चा गोद लेने का फैसला किया. कपल ने जब बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी इकट्ठा की तो पता चला कि उन्हें इसके लिए मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत होगी.

इसके बाद ट्रांसजेंडर और पुरुष कपल ने दिसंबर 2021 में वाराणसी में हिंदू विवाह के उप रजिस्ट्रार से मैरिज सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया. ऑनलाइन आवेदन के बावजूद ट्रांसजेंडर और पुरुष की शादी होने की वजह से रजिस्ट्रेशन और मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करने में परेशानियां आईं. इसके बाद दंपति ने हाईकोर्ट का रुख किया.

दंपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वाराणसी में हिंदू विवाह के उप रजिस्ट्रार को ऑनलाइन आवेदन पर विचार करके फैसला लेने की मांग. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डॉक्टर कौशल जयेंद्र ठाकुर और जस्टिस विवेक वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि बच्चे को गोद लेने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं है.

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