निषाद पार्टी ने बदले अपने तेवर, पंचायत चुनाव में सभी सीटों पर अपने पार्टी का उम्मीदवार खड़ा कर चुनाव लड़ेगी

2021 की शुरुआत हो गयी है और अब जैसे जैसे 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं,

2021 की शुरुआत हो गयी है और अब जैसे जैसे 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे वैसे राजनीतिक पार्टियां अपने शक्ति प्रदर्शन दिखाने को तैयार दिख रही हैं। ऐसे में बहुत कम समय में तेजी से जनता के बीच अपनी गहरी पैठ बना रही निषाद पार्टी कैसे पीछे रह सकती है। हाल में ही निषाद पार्टी ने यह घोषणा की है कि आगामी त्री स्तरीय सभी चुनाव में वह बढ़ चढ़कर हिस्सा लेगी। जिसमे वह उत्तर प्रदेश आगामी पंचायती चुनाव में सभी पंचायत चुनाव में अपने पार्टी का उम्मीदवार खड़ा कर चुनाव लड़ेगी।

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गौरतलब है कि वर्तमान ने निषाद पार्टी केंद्र में भाजपा सरकार से गठबंधन में है और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद का कहना है कि भाजपा ने उन्हें मछुआ समुदाय को आरक्षण देने का वायदा किया था वह अभी तक पूरा नहीं किया है जिससे मछुआ समुदाय में वर्तमान की भाजपा सरकार को लेकर आक्रोश का माहौल है।

डॉ संजय निषाद का यह भी मानना है कि अगर आगामी विधान सभा सत्र में केंद्र और राज्य की योगी और मोदी सरकार ने मछुआ sc आरक्षण लागू नहीं करती है तो निषाद पार्टी 2022 के विधान सभा के सभी 403 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी।  ऐसे में उत्तर प्रदेश के राजनीती में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है आगामी विधान सभा चुनाव में निषाद पार्टी किसी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन में जा सकती है और इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डॉ संजय निषाद ने अब तक दूसरी बड़ी पार्टियों के लिए अपना दरवाजा बंद नहीं किया है।

आपको बता दे की 2018 लोकसभा उपचुनाव में निषाद पार्टी सपा और बसपा के साथ मिलकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सीट गोरखपुर और फूलपुर की सीट जीत पर जीत दर्ज कर चुकी है और हाल ही में निषाद पार्टी के इंटरनल रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में मछुआ समुदाय का सबसे अधिक 18% वोट है। 160 सीटें मछुआ बाहुल्य 80 हजार से लेकर 1लाख ओट है जो कभी भी सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष को सियासी पटखनी दे सकता है।

आपको बता दें कि 13 जनवरी को गोरखपुर में संपन्न हुए निषाद पार्टी के संकल्प दिवस में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लाखों की संख्या में मछुआ समुदाय को लाकर इसका संकेत दे दिया है कि 100 सीटें जीतेगी निषाद पार्टी और साथ ही यह भी संकेत दिया है कि अगर बीजेपी मछुआ समुदाय का हक देगी तभी उसके साथ निषाद पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकती है।

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