पंजाब सरकार द्वारा किये गए अध्ययन में कोरोना वैक्सीन को लेकर हुआ ये बड़ा खुलासा

पुरे विश्व में कोरोना से बचाव का अभी सिर्फ एक ही विकल्प मौजूद है और वो है कोरोना की वैक्सीन।

पुरे विश्व में कोरोना से बचाव का अभी सिर्फ एक ही विकल्प मौजूद है और वो है कोरोना की वैक्सीन। कोरोना ने अपना आतंक पूरी दुनिया पे किस तरह से मचाया है इस बात से तो सभी लोग अछि तरह से वाकिफ है। कोरोना के आगे शक्तिशाली से शक्तिशाली देश घुटने टेक चूका है। देश में भी कोरोना की दूसरी लहर ने जो तबाही मचाई है उससे देशवासी बुरी तरह से हिल गए है। फ़िलहाल के लिए कोरोना की दूसरी लहर की गति धीमी पड़ी है।

इसके बावजूद सरकार ने डेल्टा वेरिएंट और कोरोना की तीसरी लहर की भविष्वाणी के चलते देशवासियों को कोरोना गाइडलाइन्स को मानने की गुजारिश की है। इसी के चलते सरकार किसी भी हालत में इस साल के अंत तक सभी देशवासियों को कोरोना के दोनों टीके लगाने का लक्ष्य रखा है। जो कि सफल होते हुए दिख रहा है।

अब कोविड टीकों को लेकर एक नई रिसर्च सामने आई है जिसमे एक बड़ा खुलासा हुआ है कि कोविड टीकों की दोनों खुराक महामारी से होने वाले मौत के खतरे से करीब 98 प्रतिशत तक सुरक्षा करती है जबकि एक खुराक करीब 92 प्रतिशत बचाव करती है।

चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान और पंजाब सरकार द्वारा करे गए इस अध्यन में ये बात सामने आई है। नीति आयोग के द्वारा बताये गए आकड़ो के मुताबिक पहली खुराक ले चुके 35856 पुलिस कर्मियों में से नौ की मौत हो गई यह आंकड़ा प्रति हजार 0.25 का है। वहीं कुल 42720 पुलिसकर्मियों ने टीकों की दोनों खुराक लीं और इनमें से सिर्फ दो की मौत हुई जो प्रतिहजार 0.05 मामलों के बराबर है।

गंभीर बीमारियों और मौत के मामलों को खत्म करता है – नीति आयोग
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल कि “ऐसे अध्ययन और उनके नतीजे दर्शाते हैं कि टीकाकरण गंभीर बीमारी और मौत के मामलों को खत्म करता है. इसलिए टीकों पर भरोसा रखिए क्योंकि वे प्रभावी हैं और टीका लगवाया जाना चाहिए।”

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