सावधान! आज से देश में नया कानून लागू, यह गलती करने पर होगा आजीवन कारावास

New law will be implemented : देशभर में आज से एक नया कानून लागू होने जा रहा है।  बता दें मोदी सरकार ने आज यानी सोमवार से उपभोक्ता संरक्षण का नया कानून लागू कर दिया है. यह कानून बेहद सख्त है और उपभोक्ता को ज्यादा ताकत देगा. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 को 20 जुलाई से अधिसूचना जारी कर लागू कर दिया गया है.

बीते दिनों उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि इसके लागू हो जाने के बाद ग्राहकों के लिए अगले 50 सालों तक कोई और कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

ये हैं नए कानून की विशेषताएं
  • नए कानून आने के बाद उपभोक्ता विवादों का समय पर, प्रभावी और त्वरित गति से निपटारा किया जा सकेगा.
  • उपभोक्ता अदालतों के साथ-साथ एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) बनाया गया है.
नए कानून के मुताबिक नकली या जाली या मिलावटी सामान बेचने पर अब दुकानदार को छह महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है और उपभोक्ता को 1 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है. सामान्य मामले में उपभोक्ता को 1 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है.
  • इसके अलावा एक कंज्यूमर मीडिएशन सेल का गठन ​किया जाएगा।
  • जिसमें दोनों पक्ष आपसी सहमति से मीडिएशन सेल जा सकेंगे.
अगले 50 साल तक ​ग्राहकों के लिए किसी नए कानून की जरूरत नहीं पड़ेगी  
  • नए कानून Consumer Protection Act-2019 ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की जगह ली है.
  • अगर सरकार के दावों की मानें तो अगले 50 साल तक ​ग्राहकों के लिए किसी नए कानून की जरूरत नहीं पड़ेगी.
  • इस नए कानून के लागू होते ही ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई नए नियम लागू हो गए हैं.
  • जो पुराने एक्ट में नहीं थे.

ऐसे होगी जेल :-

  • अगर बेचे गए उत्पाद से उपभोक्ता को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान होता है.
  • तो विक्रेता को सात साल की जेल और उपभोक्ता को 5 लाख रुपये तक मुआवजा मिल सकता है.
  • यही नहीं अगर ऐसे सामान की वजह से उपभोक्ता की मौत हुई तो उसके परिजनों को 10 लाख रुपये तक मुआवजा मिल सकता है
  • विक्रेता को आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है.
  • नए कानून में उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर भी कार्रवाई की जाएगी.
  • नए कानून में ऑनलाइन और टेलीशॉपिंग कंपनियों को पहली बार शामिल किया गया है.
  • खाने-पीने की चीजों में मिलावट होने पर कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान इसमें है.
  • PIL या जनहित याचिका अब कंज्यूमर फोरम में फाइल की जा सकेगी.
  • पहले के कानून में ऐसा नहीं था.
  • कंज्यूमर फोरम में अब एक करोड़ रुपये तक के केस दाखिल हो पाएंगे.
  • स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में एक करोड़ से दस करोड़ रुपये तक के केस की सुनवाई होगी.
  • नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में दस करोड़ रुपये से ऊपर के केस की सुनवाई होग

कहीं भी हो सकेगा मामला दर्ज:-

  • नए कानून में उपभोक्ता देश के किसी भी कंज्यूमर कोर्ट में मामला दर्ज करा सकेगा।
  • भले ही उसने सामान कहीं और से ही क्यों न लिया हो.
  • इसी तरह, उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ग्राहकों की परेशानी सुनेगा.
  • उदाहरण के लिए आपसे कोई दुकानदार अधिक मूल्य वसूलता है.
  • आपके साथ अनुचित बर्ताव करता है या फिर दोषपूर्ण वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री करता है.
  • ऐसे हर मामले की सुनवाई करेगा.
भ्रमित करने वाले विज्ञापनों पर होगी सख्त कार्रवाई 
  • नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में भ्रमित करने वाले विज्ञापनों और इसे करने वाले सेलेब्रिटी पर भी सरकार ने नकेल कसी है.
  • भ्रमित करने वाले विज्ञापनों को धारा 2(28) में रखा गया है.
  • भ्रमित करने वाले विज्ञापन पर धारा 21 के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) कंपनी पर दस लाख तक का जुर्माना लगा सकता है.
  • गंभीर मामलों में धारा 89 के तहत ये जुर्माना 50 लाख हो सकता है और पांच साल की जेल संभव है.

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