इस पार्टी के साथ कभी नहीं करना काम , हाथ जोड़कर बोले प्रशांत किशोर
दो साल के लिए यहां आकर काम कर सकें. इसी बात को लेकर पीएम मोदी से मेरा मतभेद हो गया. 2015 में नीतीश कुमार मिले. इन्होंने कहा कि आप बिहार में आकर काम कीजिए.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी का डुबती हुई नाव करार दिया है. प्रशांत किशोर ने बिहार के हाजीपुर में कहा कि इस पार्टी की वजह से उनका चुनाव जीतने का ट्रैक रेकॉर्ड खराब हुआ है, इसलिए उन्होंने फैसला लिया है कि वह उस पार्टी के साथ कभी भी काम नहीं करेंगे. प्रशांत किशोर ने हाथ जोड़कर कहा कि वह कांग्रेस के साथ अब कभी भी काम नहीं करेंगे.
सरकारी नौकरी मिले तो ठीक
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर कोई यंग लड़का है, उसे सरकारी नौकरी मिले तो ठीक है. उसे भी सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए. मान लीजिए आप सिंचाई के जानकार हैं या फिर हम पहले पब्लिक हेल्थ के विशेषज्ञ थे. हम तो सरकार में हैं नहीं, लेकिन अगर सरकार मौका दे तो हम दो साल के लिए यहां आकर काम कर सकें. इसी बात को लेकर पीएम मोदी से मेरा मतभेद हो गया. 2015 में नीतीश कुमार मिले. इन्होंने कहा कि आप बिहार में आकर काम कीजिए.
2015 में बिहार में महागठबंधन का चुनाव
इसलिए बिहार विकास मिशन करके एक योजना शुरू की गई थी. उसमें कुछ यंग युवकों को नौकरी मिली, लेकिन जितना मैं चाहता था उतना नहीं हुआ. इसके बाद मैं भी यहां से चला गया. 2015 में बिहार में महागठबंधन का चुनाव कराया. 2017 में पंजाब का चुनाव जीते. 2019 में जगन मोहन रेड्डी के साथ आंध्र प्रदेश का चुनाव जीता. 2020 में केजरीवाल के साथ दिल्ली का चुनाव जीते. 2021 में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल का चुनाव जीते. 2017 में एक चुनाव उत्तर प्रदेश हार गए. इसलिए तय कर लिया कि कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे.
जिसमें एक ही चुनाव हारे
हंसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो खुद सुधरती नहीं है और हमको भी डुबा देगी. वैसे कांग्रेस के प्रति मेरा बहुत सम्मान है, लेकिन मौजूदा हालत कांग्रेस की यही है. साल 2011 से 2021 के बीच 11 चुनाव से जुड़ा रहा, जिसमें एक ही चुनाव हारे. वह उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव है, जिसमें मैं कांग्रेस के साथ था. तभी से तय कर लिया की इन लोगों के साथ कभी काम नहीं करेंगे. इन लोगों ने मेरा ट्रैक रेकॉर्ड खराब कर दिया है.
बीजेपी ना केवल हारेगी बल्कि 100 के नीचे रोक देंगे.
हालांकि हारने से भी बहुत कुछ सीखने को मिला. प्रशांत किशोर के पुराने साथी लेकिन अंदाज बिल्कुल अलग, कौन हैं सुनील कोनगोलु जिन्हें कांग्रेस ने दिया बड़ा टास्कपश्चिम बंगाल में एक तरह से बीजेपी से शर्त लग गई थी. हमने कहा था कि बीजेपी ना केवल हारेगी बल्कि 100 के नीचे रोक देंगे. नहीं रोक पाए तो काम छोड़ देंगे. चुनाव परिणाम आया तो 77 पर बीजेपी को रोक दिए. भगवान का आशीर्वाद है. जब मेरी बात सही हो गई तो सोचा कि इस फिल्ड में बहुत हो गया, अब कुछ नया करते हैं.
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