जानें, किस बात पर नवजोत सिंह सिद्धू कह बैठे “सौ मन दूध में खट्टा” मिलाने जैसी बात है

पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने किसान आंदोलन पर कहा कि अगर हमने आज पीठ दिखा दी या इस्तीफा दे दिया तो राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा। उस केंद्र का राज आ जाएगा जिसके खिलाफ आज सारा पंजाब एक होकर खड़ा है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने किसान आंदोलन पर कहा कि अगर हमने आज पीठ दिखा दी या इस्तीफा दे दिया तो राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा। उस केंद्र का राज आ जाएगा जिसके खिलाफ आज सारा पंजाब एक होकर खड़ा है।

ये कह देना कि इस आंदोलन को बाहरी ताकतें चला रही हैं “सौ मन दूध में खट्टा” मिलाने जैसी बात है। वे शुक्रवार को बल्ला सब्जी मंडी में फ्रूट एंड वेजिटेबल यूनियन की ओर से आयोजित रैली में शमिल हुए।  इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कृषि सुधार कानून लागू कर पंजाब को दबाना चाहती हैl  किसानों को इस मुश्किल से निकालने का हल पंजाब सरकार के पास है। पंजाब अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग कर सकता है।

कुछ लोग किसानों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं

कृषि कानून को लेकर एक तरफ जहां सिद्धू ने केंद्र सरकार पर हमला किया, वहीं दूसरी तरफ अपनी ही सरकार पर सवालिया निशान खड़े किएl शुक्रवार को बल्ला सब्जी मंडी में फ्रूट एंड वेजिटेबल यूनियन की ओर से आयोजित रैली को संबोधित करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि बाबा नानक ने हल चलाने का संदेश दिया था और कुछ लोग किसानों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं l

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जबकि कुछ बड़े घरानों को 500000 करोड रुपये तक सरकार टैक्स छोड़ देती है

उन्होंने कहा कि चुनाव आने पर ही हालात क्यों खराब होते हैं। उन्होंने किसानों व अन्य को चौकस करते हुए कहा कि कुछ लोग अपनी नाकामी छिपाने के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं और पंजाबियों को तोड़ने के प्रयास भी कर रहे हैंl सिद्धू ने कहा कि केंद्र का एजेंडा साफ है पहले कृषि सुधार कानून और अब पराली जलाने पर मोटा जुर्माना, जबकि कुछ बड़े घरानों को 500000 करोड रुपये तक सरकार टैक्स छोड़ देती है।

लगता है कि केंद्र सरकार पंजाब सरकार से बदला लेने के लिए यह सब कर रही है. लेकिन किसानों का गुस्सा केंद्र सरकार को उलट देगा। सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार यह कानून चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लाई है। देश के खाद्यान्न भंडार को भरने वाले पंजाब के किसानों को यह कानून खोखला कर लेगा। सिद्धू को रैली के लिए सुबह 9:45 बजे पहुंचना था, लेकिन वह 1140 पर मंडी पहुंचेl सिद्धू की रैली में मंडी के कारोबारी और किसानों के अलावा आसपास के गांव के पंच और सरपंच बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ आए हुए थे।

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