किसानों के हस्ताक्षर को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया बड़ा बयान, बोले- फर्जी…
कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की और किसानों के 2 करोड़ हस्ताक्षर वाले ज्ञापन को सौंपा. राहुल गांधी के इस ज्ञापन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया गया है.
कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की और किसानों के 2 करोड़ हस्ताक्षर वाले ज्ञापन को सौंपा. राहुल गांधी के इस ज्ञापन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया गया है. वहीं अब 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर(narendra tomar) ने सवाल खड़े कर दिए हैं. कृषि मंत्री(narendra tomar) का कहना है कि, बागपत के किसानों के साथ हुई बैठक में खुद किसानों ने बताया कि, राहुल गांधी का कोई भी आदमी उनके पास हस्ताक्षर करवाने नहीं आया है. ये बात किसानों ने तब कही जब वो राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंप रहे थे.
किसान संगठनों को सरकार ने चिट्ठी भेजकर कहा है कि वह सभी मुद्दों पर बात करने को तैयार है. सरकार ने ये भी कहा है कि तीनों कानूनों में एमएसपी की बात नहीं है, सरकार पहले ही सरकार इसे लेकर वर्तमान व्यवस्था चालू रहने के लिए लिखित आश्वासन देने को तैयार हो चुकी है, ऐसे में कानून से बाहर जाकर इसकी कोई मांग तर्कसंगत नहीं है। आवश्यक वस्तु एक्ट में संशोधन पर बात संभव है। विद्युत अधिनियम और पराली पर अभी सिर्फ प्रस्ताव ही लाया गया है. सरकार ने किसानों से वार्ता की तारीख और समय पूछा है.
केंद्र सरकार के बनाए गए तीन कृषि कानूनों का किसान पिछले एक महीने के कर रहे हैं. किसान दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा जाले हुए हैं और उनका कहना है कि, जब तक मोदी सरकार कानूनों को वापस नहीं लेती है तब तक वो वापस नहीं जाएंगे. वहीं हरियाणा में भी किसानों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है.
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हरियाणा के जींद जिले के उचाना में किसानों ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के लिए बनाए गए हेली पैड को खोद डाला और चौटाला के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बनाए गए हेली पैड पर दुष्यत चौटाला का चॉपर उतरने वाला था. लेकिन उससे पहले ही किसानों ने पहुंचकर हेली पैड को फावड़े से खोद डाला.
किसानों के विरोध को देखते हुए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को अपना दौरा रद्द करना पड़ा. किसानों ने ऐलान किया है कि, जब तक डिप्टी सीएम किसानों का समर्थन नहीं करेंगे उन्हें यहां पर घुसने नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही किसानों ने ये भी शर्त रखी है कि, दुष्यंत चौटाला इस्तीफा देकर किसानों से मिलने आएंगे तभी किसान बात करेंगे. किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि, जो भी नेता यहं पर आएगा उसका इसी तरह से विरोध किया जाएगा.
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