Farmers Protest: बातचीत के अगले ही दिन बदल जाता है किसानों का सुर – कृषि मंत्री
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों (Farmers) के आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने बड़ी बात कही है।
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों (Farmers) के आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने बड़ी बात कही है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि उन्हें दुख है कि किसान सिर्फ कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हैं, जबकि इसके फायदों पर चर्चा भी नहीं करते हैं। कृषि मंत्री ने कहा मीडिया से बातचीत में कहा कि कोई अदृश्य ताकत है, जो चाहती है कि ये मसला हल नहीं हो। जब कृषि मंत्री से इन ताकतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा। नरेंद्र तोमर ने कहा कि बातचीत के अगले ही दिन किसानों का सुर बदल जाता है।
किसानों को नोटिस भेजे जाने के मामले में कृषि मंत्री ने कहा…
वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) की ओर से किसानों (Farmers) को नोटिस भेजे जाने के मामले में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि किसी भी चीज को किसान आंदोलन से जोड़ना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा काम है कि किसी भी प्रकार से किसानों की समस्या को हल करना।
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उन्होंने आगे कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमैशा तैयार है। जब पंजाब में किसान रेल की पटरियों पर आंदोलन कर रहे थे, तभी से सरकार की कोशिश है कि उनकी समस्या का समाधान बातचीत के माध्यम से किया जाये। साथ ही सरकार इस बात पर भी ध्यान देती है कि इस आंदोलन में किसानों की प्रतिष्ठा को किसी प्रकार का आघात न लगे।
पिछले 58 दिनों से किसानों का आंदोलन…
कृषि कानून के खिलाफ विरोध में पिछले 58 दिनों से आंदोलन कर रहे किसान 26 जनवरी को दिल्ली के रिंग रोड पर परेड निकालने को लेकर दिल्ली पुलिस को रूट प्लान दे दिया है। किसानों (Farmers) ने दिल्ली पुलिस को जो रूट प्लान सौंपा है उसमें तीन मार्गों को लेकर पुलिस और किसानों (Farmers) की सहमति बन गई है।
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सिंघु बॉर्डर से जो रैली निकलेगी वह संजय गांधी ट्रांसपोर्ट, कंझावला, बवाना औचन्दी बॉर्डर होते हुए हरियाणा में चली जाएगी। टिकरी बॉर्डर से परेड नांगलोई, नजफगढ़, झड़ौदा, बादली होते हुए केएमपी एक्सप्रेस पर चली जाएगी. वहीं गाजीपुर यूपी गेट से ट्रैक्टर परेड अप्सरा बॉर्डर गाजियाबाद होते हुए डासना यूपी चली जाएगी।
सरकार के साथ हुई कई दौर की बैठक
किसानों (farmer) की सरकार के साथ कई दौर की बैठक हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। वहीं 11वें दौर की बैठक के बाद सरकार की तरफ से कोई भी अगली तारीख नहीं दी गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने बैठक में कहा था कि, अब इससे अच्छा प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती है। सरकार ने किसानों (Farmers) को अपने प्रस्ताव में कहा था कि, कानूनों को 18 महीने के लिए होल्ड किया जा सकता है। इस बीच इसपर विस्तार से चर्चा की जाएगी और जो कमियां होंगी उन्हें दूर की जाएंगी।
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लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया था। किसानों (Farmers) का कहना है कि, ये आंदोलन संसोधन या फिर कानूनों को टालने के लिए नहीं बल्कि वापसी के लिए चल रहा है। ऐसे में कानूनों के वापस होने पर ही वो घर वापस जाएंगे।
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