आखिर क्यों इतने दागी और विवादों से घिरे नगर आयुक्त पर मेहरबान हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ नगर निगम। आज हम बताने जा रहे हैं दागी और विवादित नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी के बारे में। जिनके कारण सरकार की छवि धूमिल तो जनता को करना पड़ रहा है मुसीबतों का सामना। PCS संघ के अध्यक्ष हैं लखनऊ के नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी। इन्होंने मई 2018 में नगर आयुक्त की कुर्सी का पदभार संभाला था. जब से इन्होने पद संभाला है तब से ये विवादों से घिरे रहे हैं.

कुर्सी प्रेम में गंवाया स्वाभिमान

आपको बता दें कि नगर आयुक्त की एक ठेकेदार से भुगतान में कमीशन को लेकर भी हाथा पाई हो चुकी है. ऐसा कहा जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के मेयर के बेटे से भी पैसे के लेन देन को लेकर काफी गाली गलौज हो चुकी है और यह भी कहा जाता है कि नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी की मेयर के बेटे से हाथापाई तक भी हुई है. नगर आयुक्त से पर सफाई व्यवस्था में घपले का भी आरोप है. PCS संघ रसातल में धंसा,अध्यक्ष की भारी दुर्गति।

 

नगर आयुक्त पर यह भी आरोप है कि इनके आदेश से ही आउट सोर्सिंग से तैनात किये गए सफाई कर्मियों हुए संविदा कर्मियों के वेतन में बन्दर बाँट ऊपर से नीचे तक होती है. क्यों ये सब सफाई कर्मी काम पर नहीं आते और घर बैठे ही ऐसे तनख्वाह उठाते रहते हैं. इसी प्रकार कूड़ा उठान और तेल के खेल में भी लाखों के वारे न्यारे के आरोप इन पर लगते रहते हैं.

लोगों की सफाई व्यवस्था को लेकर आ रही शिकायतो पर खुली नगर आयुक्त की पोल :-

जब अधिकारियों ने जनता से बात चीत की तो पता चला कि सफाई व्यवस्था बेहद ख़राब है. इस पर जब अधिकारियों ने जांच की तब पता चला कि कार्यदायी संस्था स्वीकृत श्रमिकों को पूरी तरह नहीं लगा रही है. इसके बाद जब जिलाधिकारी ने इसकी समीक्षा की तो माल खा रहे आलाधिकारियों को बचा लिया गया और सुपरवाइज को सस्पेंड कर अपनी पीठ थपथपा ली गयी.

इतने पर भी कूड़ा इकठ्ठा करने और उसके निस्तारण की व्यवस्था, सूखा अपशिष्ट प्रबंधन और आवारा पशुओं के कारण हो रहे खतरे से निपटने के भी व्यापक इंतजाम नहीं किये गए. इस पर कोर्ट ने भी नाराजगी जताते हुए टिप्पणी की.

आखिर क्या है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मज़बूरी :-

आखिर ऐसी क्या मज़बूरी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभी तक दागी और विवादित नगर आयुक्त पर कार्यवाही नहीं की. या फिर कार्यवाही करना नहीं चाहते। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ये चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है.

इसके बावजूद नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी अपने आपको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व संघ का करीबी बताते हुए अब इस पद पर डटे हुए हैं यह बहुत ही आश्चर्य जनक बात है. ऐसा विवादित और दागी आदमी राजधानी के अति महत्वपूर्ण पद का प्रमुख बनकर मुख्यमंत्री, सरकार व संघ तीनों की प्रतिष्ठा को मटिया मेट कर रहा है. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की और संघ की ईमानदार छवि को भी बट्टा लगा रहा है.

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