कोर्ट का बड़ा फैसला, बहू के जीवन-यापन के लिए सास हर महीने देगी 15 हजार रुपये
महिला के प्रताड़ना के मामले में कोर्ट ने बड़ा महत्वपूर्ण फैसला लिया है। पति की मौत के बाद बहू को गुजर-बसर के लिए सास 15 हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देगी।
महिला के प्रताड़ना के मामले में कोर्ट ने बड़ा महत्वपूर्ण फैसला लिया है। पति की मौत के बाद बहू (daughter-in-law) को गुजर-बसर के लिए सास 15 हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देगी। यह आदेश पारिवारिक न्यायालय की अपर प्रमुख न्यायाधीश चंदशीला ने बुधवार को दिये।
बहू की अर्जी पर कोर्ट का फैसला
बता दें कि पति की मौत के बाद ससुरालीजनों के लगातार उत्पीड़न के बाद घर से निकालने पर बहू ने कोर्ट ने अर्जी लगाई। बहू (daughter-in-law) की ओर से लगाई गई भरण-पोषण की अर्जी पर पारिवारिक न्यायालय तृतीय की अपर प्रमुख न्यायाधीश चंद्रशीला ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बहू के जीवन-यापन के लिए सास 15 हजार रुपये प्रतिमाह भत्ता देंगी। कोर्ट ने ससुर व पति की मौत के बाद सास को बहू के जीवन यापन के लिए जिम्मेदार माना।
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ससुरालवालों पर गाली-गलौज व मारपीट करने का आरोप
दरअसल, यूपी में कानपुर जिले के चकेरी के न्यू आजाद नगर की निवासी पूनम मिश्रा का विवाह 12 जुलाई 2016 को फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज निवासी मुन्नी देवी के बेटे हरिओम मिश्रा के साथ हुआ था। 10 दिसंबर 2016 को हरिओम की मौत हो गई, जिसके बाद ससुरालियों की प्रताड़ना बढ़ती चली गई।
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आरोप है कि 13 जुलाई 2017 को ससुराल वालों ने गाली-गलौज और मारपीट की। बहू (daughter-in-law) का सारा स्त्रीधन छीन लिया और फिर उसे घर से निकाल दिया।
बहू ने पारिवारिक न्यायालय में की अर्जी
बहू के मुताबिक, थाने में भी शिकायत दर्ज नहीं की गई। मजबूर होकर पूनम को तीन साल से अपने माता-पिता के साथ रही है और उनसे भरण-पोषण का कोई साधन नहीं है। वहीं करोड़ों की संपति की मालकिन होने के बावजूद सास न तो संपत्ति पर कब्जा दे रही है और न ही स्त्रीधन लौटा रही है। इसके बाद बहू ने पारिवारिक न्यायालय में गुजारा भत्ते की मांग की।
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अधिवक्ता राघवेंद्र पांडेय के मुताबिक, बहू की अर्जी पर कोर्ट ने नोटिस भेजा, लेकिन ससुरालीजनों की ओर से कोई हाजिर भी नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने बहू के हक में एक पक्षीय फैसला सुनाते हुए सास को भरण-पोषण के रूप में हर महीने की 10 तारीख तक 15 हजार रुपये पूनम के बैंक खाते में जमा करने का आदेश दिया है।
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