सुबह की कसरत जितना ही लाभकारी है शाम का व्यायाम, बढ़ाता है ऊर्जा का व्यय

लोकप्रिय धारणा के विपरीत, शोधकर्ताओं ने पाया है कि शाम का व्यायाम सुबह की कसरत के समान ही लाभकारी है। सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि व्यायाम का प्रभाव दिन के अलग-अलग समय के आधार पर भिन्न हो सकता है।

लोकप्रिय धारणा के विपरीत, शोधकर्ताओं ने पाया है कि शाम का व्यायाम सुबह की कसरत के समान ही लाभकारी है। सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि व्यायाम का प्रभाव दिन के अलग-अलग समय के आधार पर भिन्न हो सकता है। डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर जोनास थ्यू ट्रीबक ने कहा, ‘सुबह और शाम को किए गए व्यायाम के प्रभाव के बीच महत्वपूर्ण अंतर दिखाई देते हैं और ये अंतर संभवत: शरीर के सर्केडियन क्लॉक द्वारा नियंत्रित होते हैं।’

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ट्रीबक ने कहा, ‘सुबह की गई कसरत मांसपेशियों की कोशिकाओं में जीन प्रोग्राम शुरू करती है, जिससे वे अधिक प्रभावी और चीनी व वसा के चयापचय में सक्षम होते हैं। दूसरी ओर शाम का व्यायाम, समय की विस्तारित अवधि के लिए पूरे शरीर के ऊर्जा व्यय को बढ़ाता है।’ अध्ययन के लिए अनुसंधान दल ने चूहों की जांच की और पाया कि सुबह व्यायाम करने से चूहों के कंकाल की मांसपेशियों में चयापचय प्रतिक्रिया बढ़ जाती है, जबकि दिन में बाद में व्यायाम करने से समय की एक विस्तारित अवधि के लिए ऊर्जा व्यय बढ़ जाता है।

शोधकर्ताओं ने मांसपेशियों की कोशिकाओं में कई प्रभावों को मापा है, जिसमें ट्रांसक्रिप्शनल प्रतिक्रिया और मेटाबोलाइट्स पर प्रभाव शामिल हैं। परिणाम बताते हैं कि सुबह व्यायाम करने के बाद दोनों क्षेत्रों में प्रतिक्रियाएं अधिक मजबूत होती हैं और यह एक केंद्रीय तंत्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसमें प्रोटीन एचआईएफ 1-अल्फा शामिल होता है, जो सीधे शरीर की सर्कैडियन क्लॉक को नियंत्रित करता है। सुबह का व्यायाम चीनी और वसा को चयापचय करने के लिए मांसपेशियों की कोशिकाओं की क्षमता को बढ़ाता है और इस प्रकार के प्रभाव शोधकर्ताओं को गंभीर अधिक वजन और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के संबंध में रुचि रखने में मदद करते हैं।

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