…तो अब अमेजन, हॉटस्टार और नेटफिलिक्स नहीं चला पाएंगे ऐसे कंंटेंट, ये हैं गाइडलाइन के नियम…

केंद्र की मोदी सरकार ने सोशल मीडिया (social media) और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नफरत फैलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है. इसकी जानकारी कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी.

केंद्र की मोदी सरकार ने सोशल मीडिया (social media) और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नफरत फैलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है. इसकी जानकारी कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी.

सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, सोशल मीडिया (social media) पर गलत भाषा और नफरत को फैलाने का काम किया जा रहा है. ऐसे में इस पर नियंत्रण लगाने की सख्त जरूरत थी. जिसको लेकर कुछ नए नियम जारी किए गए हैं. अब सोशल मीडिया (social media) कंपनियों को आपत्तिजनक सामग्री को हटाना होगा और इसके साथ ही सरकार भी ऐसे कंटेंट को मंजूरी नहीं देगी. सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि, 24 घंटे के अंदर आपत्तिजनक सामग्री को हटाना होगा.

रविशंकर प्रसाद ने कहा, सोशल मीडिया (social media) प्लेटफॉर्म का भारत में व्यापार करने का स्वागत करते हैं और आलोचना के लिए भी तैयार हैं. लेकिन गलत कंटेंट के इस्तेमाल पर शिकायत का भी फोरम मिलना चाहिए.

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उन्होंने कहा, मौजूदा समय में भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़ यूजर हैं जबकि, फेसबुक पर 40 और ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक. इनका उपयोग किया जाता है अच्छी बात है लेकिन जिस तरह से नफरत फैलाने और गलत कंटेंट शेयर किए जाते हैं उसपर भी काम करने की जरूरत है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा, सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कुछ गाइडलाइन जारी की है. अब ओटीटी और वेबसाइट को अपना डिस्कलोसर देना होगा, फिलहाल रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं है. लेकिन उनकी जानकारी मांग रहे हैं. शिकायत दूर करने जैसा मैकेनिज्म होना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, ओटीटी पर सेल्फ रेगुलेशन होगा, सुप्रीम कोर्ट या फिर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज या वरिष्ठ व्यक्ति की अध्यक्षता में शिकायत की सुनवाई के लिए एक बॉडी बने.

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी.

इसके अलावा सेंसर बोर्ड का एथिक्स कोड कॉमन रहेगा, डिजिटल मीडिया पोर्टल को अफवाह या फिर झूठ फैलाने का अधिकार नहीं है, मीडिया की आजादी की जवाबदेही होनी चाहिए, उस आजादी के दायरे में ये सारे नियम बनाए गए हैं.

इसके साथ ही सोशल माीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की गई है.

नई गाइडलाइन के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को केंद्र सरकार के नोटिस के अगले 72 घंटे के अंदर उसपर कार्रवाई करनी होगी. टेक कंपनियों को शिकायत के लिए अधिकारी की नियुक्ति करनी पड़ेगी.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हर छह महीने में शिकायतों और उनपर की गई कार्वाई की रिपोर्ट देनी होगी. कंटेंट कहां से शुरू हुआ ये भी बताना पड़ेगा, फर्स्ट ओरिजिनेटर बताना पड़ेगा कि, कहां से ऐसी चीजों की शुरूआत हुई.

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