तो क्या इस कारण पीएम मोदी ने छीना इन बड़े मंत्रियो से उनका पद

मोदी सरकार की दूसरी कैबिनेट में कल हुए विस्तार में कुल 43 मंत्री शामिल हुए, इन मंत्रियों में से 15 को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।

मोदी सरकार की दूसरी कैबिनेट में कल हुए विस्तार में कुल 43 मंत्री शामिल हुए, इन मंत्रियों में से 15 को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। इस बार की मोदी कैबिनेट खास है क्योंकि इस बार के मंत्रिमंडल में पार्टी के वरिष्ठ और पुराने मंत्रियों की जगह कई युवा मंत्रियों को मौका दिया गया है। जिसकी वजह से ये मंत्रिमंडल विस्तार काफ़ी चर्चा में है।

नए लोगों के मंत्री बनने से ज्यादा चर्चा पुराने मंत्रियों के इस्तीफे देने की हो रही है। जिसमे रविशंकर प्रसाद से लेकर हर्षवर्धन तक के नाम शामिल है। ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने जून महीने में सभी मंत्रालयों की समीक्षा की थी और सभी का काम देखा था। उसी को देखते हुए इस बार के मंत्रिमडल में बड़े मंत्रियों की छटनी हुई है।

इन मंत्रियों को देना पड़ा अपने पद से इस्तीफा –

1 – कोरोना ने छीनी हर्षवर्धन की कुर्सी

देश में कोरोना महामारी के दौरान देश में कैसे हालात थे उससे तो सभी अच्छी तरह से वाकिफ है। हर्षवर्धन के नेतृत्व में काम कर रहे स्वास्थ्य मंत्रालय का काम प्रधानमंत्री को पसंद नहीं आया। हर्षवर्धन को उनके पद से हटाना इस बात को दिखलाता है कि पीएम मोदी ने स्वास्थ्य मंत्री से कोरोना को लेकर जो उम्मीद लगाई थी उसपे वो खरे नहीं उतर पाए है।

2 – नई शिक्षा नीति बनी रमेश पोखरियाल के इस्तीफे की वजह

देश में नई शिक्षा नीति को लागू करने वाले पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल के पीएम मोदी संतुष्ट नहीं रहे। जिसके चलते उन्हें अपने पद से हटना पड़ा। पीएम मोदी की नराज़गी की असली वजह रमेश पोखरियाल द्वारा नई शिक्षा नीति को जनजन तक न पहुंचा पाना है। इसके साथ ही कोविड महामारी के दौरान केंद्रीय बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को लेकर फैले असमंजस की वजह से सरकार की बड़ी फजीहत हुई थी। जिसके चलते भी पीएम मोदी पोखरियाल से नाखुश थे।

3 – ट्वीटर से चल रहे विवाद के चलते छीनी रविशंकर की कुर्सी

बीजेपी के बड़े और पुराने नेताओं में से एक रविशंकर प्रसाद को भी कैबिनेट विस्तार में अपनी कुर्सी गवानी पड़ी है। कई लोगो को ये बात हज़म नहीं हो रही है। रविशंकर प्रसाद के इस्तीफ़े के पीछे की वजह उनके और ट्वीटर के बीच चल रहे विवाद को बताया जा रहा है। मिल रही खबरों के मुताबिक भारत लोगों की निजी जानकारियों को लेकर डेटा प्रोटेक्शन लॉ भी ला रहा है। इस पर संयुक्त संसदीय समिति रिपोर्ट तैयार कर रही है। लेकिन रविशंकर प्रसाद ने रिपोर्ट के पेश होने से पहले ही ट्वीट कर दिया था कि वो इस रिपोर्ट से बहुत ख़ुश हैं। जिसकी वजह से पीएम मोदी उनसे नाखुश चल रहे है।

4 – पर्यावरण पर काम न करना पड़ा प्रकाश जावड़ेकर को महंगा

पूर्व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। इसके पीछे की वजह उनका पर्यावरण को लेकर काम न करना है। जिसके चलते प्रधानमंत्री उनसे नाखुश चल रहे है। भारत के सामने इस समय कई पर्यावरण चुनौतियाँ हैं, दिसंबर में कैनबरा में कोप-26 की बैठक होनी हैं, उसमें पर्यावरण को लेकर कई बड़े निर्णय लिए जाने हैं। इसके बावजूद भी पर्यावरण मंत्रालय ने इस दिशा में अभी तक कोई रोडमैप तैयार नहीं किया है।

5 – योगी आदित्यनाथ की आलोचना संतोष गंगवार को पड़ा भारी

देश के पूर्व श्रम मंत्री संतोष गंगवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना करना काफी महंगा पड़ गया। असल में देश में कोरोना की पहली लहर आई थी, तो बड़ी तादाद में प्रवासियों ने बेहद मुश्किल हालात में शहरों से गाँवों की तरफ पलायन किया था। जिसे देश की छवि अंतराष्ट्रीय स्तर पे काफी फजीयत हुई थी। जिससे पीएम मोदी खुश नहीं थे। ऊपर से प्रदेश में विधानसभा चुनावों के द्वारा योगी आदित्यनाथ की आलोचना करना भी पद से हटाए जाने की बड़ी वजह हो सकती है। बीजेपी सरकार इस बात को लेकर सजग है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ के कामकाज की आलोचना का असर आगामी चुनावों पर न हो।

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