कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान मिसकैरेज के आंकड़ों में बढ़ोतरी, रिसर्च में हुआ खुलासा

मिसकैरेज प्रेगनेंसी की क्षति है या जिंदगी के लिए पर्याप्त विकास से पहले भ्रूण का नुकसान है. ये कभी-कभी महिला के प्रेगनेंट होने की जानकारी होने से पहले भी होता है.

मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मिसकैरेज के मामलों में तीन गुना बढ़ोतरी के पीछे डेल्टा वेरिएंट कारण हो सकता है.

रिसर्च में देखा गया कि महामारी से मिसकैरेज फरवरी और जुलाई के बीच अगस्त से जनवरी की अवधि के मुकाबले ज्यादा आम थे. 2021 में दूसरी लहर फरवरी और जुलाई के बीच रही थी, मतलब कि ऐसे मिसकैरेज स्पष्ट रूप से इन महीनों के दौरान 2017 और 2018 के इसी महीनों की तुलना में अधिक थे. शोधकर्ताओं ने बताया कि दूसरी लहर के दौरान मिसकैरेज के आंकड़ों में बढ़ोतरी कोरोना वायरस का बेहद संक्रामक डेल्टा वेरिएन्ट की मौजूदगी के कारण हो सकता है.

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस प्लेसेंटा को संक्रमित कर सकता है और संभावित तौर पर भ्रूण वृद्धि को भी प्रभावित कर सकता है. उसके अलावा, कोरोना के ज्यादा मामलों की दर और यात्रा पर पाबंदियों से प्रेगनेंट महिलाओं के अस्पताल और पौष्टिक भोजन की पहुंच में कमी आई.

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