SRN अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में हुए गैंगरेप की पीड़िता ने दम तोड़ा, भाई को लिखकर बताया- ‘डॉक्टर अच्छे नहीं हैं, मेरे साथ गंदा काम किया’
एसआरएन में रेप पीड़िता किशोरी की आज भोर में मौत हो गई। इससे अस्पताल और प्रशासन में हड़कंप मच गया। होश में आने पर उसका बयान लिया जाना था। राजनीतिक संगठनों ने इसका विरोध किया था फिर बाद में डाक्टरों ने कैंडल मार्च निकालकर आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
मीरजापुर निवासी युवती को 6 दिन पहले एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके पेट की आंत का आपरेशन होना था। भर्ती कराए जाने के समय उसकी हालत काफी गंभीर थी। डाक्टरों ने 31 मई की रात आपरेशन किया था। होश में आने के बाद युवती ने डाक्टरों पर यौन शोषण का आरोप लगाया।
आशंका जताई जा रही है यह बड़ी साजिश के तहत यह सब हुआ है। अब एफआईआर भी होगी और हत्या का मामला भी दर्ज होगा। सबूतों को छुपाने के लिए एक निर्दोष -बीमार लड़की की जान जाने का इंतज़ार किया गया।
एसआरएन अस्पताल में मरीज से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप मेडिकल बोर्ड की ओर से की गई जांच में सही नहीं पाए गए। जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि मरीज के साथ दुष्कर्म के सबूत नहीं मिले।
रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि जांच के दौरान महिला के शरीर पर किसी तरह के चोट का निशान नहीं मिला है। महिला के जननांगों व इसके आंतरिक भागों में भी कोई चोट नहीं मिली है। न ही किसी तरह के दुष्कर्म के सबूत मिले हैं।
मामले में एसआरएन अस्पताल प्रबंधन के साथ ही सीएमओ की ओर से पृथक जांच कमेटियां गठित की गई थीं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट में दुष्कर्म के आरोपों को गलत बताया गया था। उधर सीएमओ की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड की ओर से की गई जांच संबंधी रिपोर्ट भी पुलिस को सौंप दी गई थी
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