मिर्जापुर : माँ की ममतामयी छवि को देख भक्त हुए निहाल , विन्ध्याचल मेले का आगाज़
पहले दिन श्रद्धालू की भारी भीड़ ने माँ का जयकारा लगाते हुए पूरी श्रद्धा के साथ आदिशक्ति का दर्शन-पूजन किया |
विन्ध्याचल धाम में गुरुवार से शारदीय नवरात्र मेला मंगला आरती के साथ ही भोर से आरम्भ हो गया | विन्ध्याचल केवल एक तीर्थ नहीं
बल्कि सिद्धपीठ है | शारदीय नवरात्र पर विशाल मेले में दूर दूर से भक्त माँ के दर्शन के लिए पहुंचें हैं | पहले दिन
श्रद्धालु की भारी भीड़ ने माँ का जयकारा लगाते हुए पूरी श्रद्धा के साथ आदिशक्ति का दर्शन-पूजन किया |
घंटी घडियालों से पूरा विन्ध्य क्षेत्र गुंजायमान रहा | प्रथम दिन माँ की शैलपुत्री के रूप में पूजन होता है | नवरात्र में किसी दिन देवी के नौ रूप में से एक रूप का दर्शन पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है | विन्ध्याचल में विराजमान आदि शक्ति अपने भक्तो को विभिन्न रूपों में दर्शन देती है ।
अनादिकाल से विंध्याचल धाम शक्ति साधना का केंद्र बिंदु रहा है | विन्ध्य पर्वत के साथ भागीरथी के अदभुत संयोग पर आदि शक्ति माँ विंध्यवासिनी श्री यन्त्र पर विराजमान है । नवरात्रि के पहले दिन ही भारी संख्या में माँ के भक्तों ने दर्शन पूजन कर मनोवांछित फल की कामना की ।कई वर्षों से लगातार आ रहे भक्तों को माँ में अटूट विश्वास है |
पृथ्वी के मध्य में स्थित माँ विंध्यवासिनी का यह स्थान पृथ्वी का केंद्र बिंदु है इनकी महिमा अपरम्पार है | माँ विंध्यवासिनी की आराधना देवताओं ने भी आकर किया है | भक्त तो माता के धाम में आने के बाद उनकी ममतामयी छवि का दर्शनकर निहाल हो उठते है |
गुरुवार से आरम्भ शारदीय नवरात्र इस बार आठ दिनों का हैं । नवरात्र में देवी पाठ से लेकर मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कारों का सिलसिला चलता रहेगा| भक्तों की भरी भीड़ प्रतिदिन माँ के अलग अलग रूपों का दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त कर अपने इहलोक के साथ ही परलोक को संवारने में लगे है |
रिपोर्टर – राजेश कुमार जायसवाल
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