कृषि कानून: बैठक खत्म होते ही किसानों का बड़ा ऐलान, अदालत…

बैठक में कोई हल न निकलने पर नाराज किसानों ने अब कही ये बड़ी बात, अदालत...आठवें दौर की सरकार के साथ बैठक फिर से बेनतीजा रही. अगली बैठक के लिए 15 जनवरी का फिर से समय तय किया गया है.

बैठक (meeting) में कोई हल न निकलने पर नाराज किसानों ने अब कही ये बड़ी बात, अदालत…आठवें दौर की सरकार के साथ बैठक फिर से बेनतीजा रही. अगली बैठक के लिए 15 जनवरी का फिर से समय तय किया गया है. वहीं अब किसान नेताओं ने बैठक (meeting) में कोई भी हल न निकलने की वजह से अपना गुस्सा जाहिर किया है. किसान नेता हनन मोल्लाह ने कहा कि हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हनन मोल्लाह ने कहा- तीखी बहस हुई. हमने कहा कि हम कानूनों की वापसी के अलावा और कुछ भी नहीं चाहते हैं.मोल्लाह ने आगे कहा- हम किसी अदालत में नहीं जाएंगे. या तो ये कानून वापस लिए जाएंगे या फिर हमारी लड़ाई जारी रहेगी. 26 जनवरी को योजना के अनुसार हमारी परेड होगी.

सरकार के साथ जारी बैठक (meeting) में किसान नेता बलवंत सिंह ने एक नोट लिखा है. सरकार से नाराज दिख रहे बलवंत सिंह ने लिखा कि या मरेंगे या जीतेंगे. वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर है कि किसानों ने लंच नहीं किया. इसके साथ ही किसानों ने कहा कि, न तो रोटी खाएंगे न ही चाय पियेंगे.

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कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि, अगर किसानों के साथ हुई पहली बैठक (meeting) को अगर देखा जाए तो उस समय कानूनों को वापस लेने की कोई बात नहीं हुई थी सिर्फ परिवर्तन की बात कही गई थी. इसलिए उसी हिसाब से सोचा जाए तो हल जरूर निकलेगा. इसके साथ ही कृषि मंत्री ने कहा अभी तो कानूनों में सुधारों की शुरूआत हुई है ये आगे भी जारी रहेंगे.

कृषि कानून को लेकर पिछले 44 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान (farmers) डटे हुए हैं. इससे पहले 4 जनवरी को बैठक हुई थी लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकला था. सरकार अपने कदम पीछे हटाने को तैयार नहीं है वहीं किसान भी कानूनों के वापस लिए जाने तक आंदोलन को जारी रखने की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि, जबतक सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती है तबतक उनका आंदोलन इसी तरह से चलता रहेगा. सरकार (farmers) की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने साफ कर दिया है कि, कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है.

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