Mauni Amavasya 2021: मौनी अमावस्या के दिन भूलकर भी न करें ये काम, वरना…
हिन्दू पंचांग के मुताबिक माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन...
हिन्दू पंचांग के मुताबिक माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का काफी महत्व होता है। इन दिन अगर संपूर्ण रूप से मौन रहा जाए तो अद्भुत स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
आज मौनी अमावस्या के मौके पर गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। मौनी अमावस्या के खास मौके पर लोग गंगा में स्नान कर रहे हैं। आस्था की नगरी प्रयागराज में संगम पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुबह-सुबह आस्था की डुबकी लगाते नजर आए। वहीं, धर्म नगरी वाराणसी के घाटों पर भी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
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ऐसा कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन किए गए दान-पुण्य का फल सौ गुना अधिक मिलता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र सरिता का जल अमृत समान हो जाता है, इसीलिए अद्भुत पुण्य की प्राप्ति होती है। स्नान के उपरांत तिल और तिल के बने लड्डू, आंवला, कंबल, वस्त्र, अंजन, दर्पण, स्वर्ण, दूध देने वाली गाय का दान करने से फल अर्जन होता है।
क्या है मौनी अमावस्या?
हिन्दू पंचांग के मुताबिक, माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता हैं, जिसे हिन्दू धर्म में धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
मौन रहकर स्नान और दान करने का काफी महत्व
ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन मौन रहकर पवित्र नदी या जलकुंड में स्नान और दान करने का काफी महत्व होता है, इसीलिए हरिद्वार, प्रयागराज समेत अन्य स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई है, जहां स्नान कर श्रद्धालु पुण्य कमाते हैं।
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अच्छे स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति
ऐसा भी कहा जाता है कि मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन मौन रहकर शिव की आराधना करें तो अच्छे स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि इस अमावस्या पर स्नान और पूजन से ग्रह दोष दूर होते हैं।
पितरों की आत्मा को मिलेगी शांति
ज्योतिशषों की सलाह के मुताबिक, मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन भगवद्गीता का पाठ अवश्य करें, इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
मौनी अमावस्या के दिन नहीं करने चाहिए ये 7 काम…
मौनी अमावस्या के दिन पितरों को याद कर उनके नाम पर स्नान और दान किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मौन व्रत रखने से वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन जप-तप करना भी बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन कुछ विशेष काम करने पर मनाही भी होती है, जो अशुभ माने जाते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान…
अमावस्या पर श्मशान घाट या कब्रिस्तान में नहीं घूमना चाहिए। इतना ही नहीं, ऐसे स्थानों के आसपास भी नहीं जाना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा जाता है कि अमावस्या की रात सबसे घनी काली रात होती है और माना जाता है कि इस समय बुरी आत्माएं और शक्तियां बहुत सक्रिय हो जाती हैं, इसलिए अमावस्या की रात को किसी सुनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए।
अमावस्या के दिन जिस घर में कलह का माहौल होता है, वहां पितरों की कृपा नहीं होती है, इसलिए घर में शांति का माहौल होना चाहिए। आज के दिन लड़ाई-झगड़े और वाद-विवाद से बचना चाहिए।
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अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करना शुभ माना जाता है, लेकिन शनिवार के अलावा अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करना चाहिए इसलिए पीपल की पूजा करें, लेकिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श न करें। इससे धन की हानि होती है।
आज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने की परंपरा है, इसलिए देर तक सोते ना रहें। अगर आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर पाएं हैं तो घर पर जरूर स्नान कर लें और फिर सूर्य को अर्घ्य दें। स्नान से पहले तक कुछ बोले नहीं, मौन रहें।
अमावस्या के दिन पति-पत्नी को संयम बरतना चाहिए। इस दिन पुरुष और स्त्री को यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए। गरुण पुराण के मुताबिक, अमावस्या पर यौन संबंध से पैदा होने वाली संतान को आजीवन सुख नहीं मिलता है।
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अगर आप मौनी अमावस्या का व्रत हैं तो फिर आज के दिन किसी प्रकार का श्रृंगार न करें। अमावस्या के दिन बिस्तर पर नहीं होना चाहिए, बल्कि चटाई पर सोना चाहिए। अमावस्या के दिन शरीर में तेल लगाना मना होता है।
इस दिन शराब और मांस के सेवन नहीं करना चाहिए और सादा भोजन करें। ज्यादा से ज्यादा समय तक मौन रहकर ध्यान लगाएं।
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