मध्य प्रदेश: क्या ‘मामा’ भी गवां सकते हैं अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी? जानिये यहाँ
भाजपा शासित राज्यों के भीतर लगातार मुख्यमंत्री बदलने चल रहा है दौर, मध्यप्रदेश पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने की जबलपुर से सांसद राकेश सिंह की तारीफ
देश में भाजपा शासित कई राज्यों में बीते दिनों बड़ी राजनैतिक हलचलें देखने को मिली। एक के बाद एक कई राज्यों के मुख्यमंत्री बदले गए। सबसे पहले उत्तरखंड में मख्यमंत्री बदल दिए गए। त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह पुष्कर सिंह धामी ने ले ली। इसके कुछ ही दिनों बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई ने ली।
इसके बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी को भी मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा और गुजरात में भूपेंद्र पटेल सीएम पद पर आसीन हुए। भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्री बदले जाने से यह सन्देश साफ है कि जनता के उम्मीदों पर अगर आप खरें नहीं उतरें तो कुर्सी का भी सुख भोगना भूल जाइये।
मध्य प्रदेश में ‘मामा’ के उपनाम से प्रसिद्ध सीएम शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के एक दिग्गज नेता हैं। शिवराज लगभग पिछले दो दशकों से मुख्यमंत्री का पद संभाले हुए हैं। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित हुए एक कार्यक्रम ने सीएम शिवराज को भी चिंता में डाल दिया है।
मंत्री अमित शाह ने सांसद राकेश सिंह की तारीफ
बात दरअसल यह है कि जबलपुर में गोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीद रघुनाथ शाह और शंकर शाह के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी आगमन हुआ था। कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री अमित शाह के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौके पर मौजूद थे। इसी दौरान श्री शाह ने पूर्व बीजेपी अध्यक्ष और वर्तमान में जबलपुर से सांसद राकेश सिंह की तारीफ कर दी।
इसके बाद गुड गवर्नेंस को केंद्र में रखकर मुख्यमंत्री शिवराज ने राज्य के नौकरशाहों के साथ एक के बाद एक कई बैठके की। सीएम शिवराज ने अपने अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि – देश में मध्य प्रदेश की छवि एक गुड गवर्निंग स्टेट के रूप में बने, इसके लिए काम करना होगा।
शिवराज मिले राजयपाल से
अमित शाह का विगत 18 सितंबर को मध्य प्रदेश का दौरा था। केंद्रीय गृह मंत्री के इस दौरे के एक दिन बाद ही शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मिलने पहुंचे थे। सीएम की राजयपाल के साथ हुई इस मुलाकात को मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश में असामान्य राजनैतिक हलचल का होना बता दिया।
हालांकि सीएम शिवराज ने इस तरह की किसी भी संभावना से इंकार किया है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल के साथ हुई इस बैठक में राज्य के विकास संबंधी कुछ विशेष योजनाओं के विषय में चर्चा की गई थी।
प्रसाशनिक और पुलिस के अधिकारियों के साथ भी की बैठक
राजयपाल से मुलाकात के ठीक दो दिन बाद सोमवार को शिवराज ने आईपीएस और आईएस बैच के तमाम अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक में शिवराज ने कहा कि वो अधिकारियों को उनके काम के आधार पर आकेंगे। वे भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रखना चाहते हैं। राज्य कीआम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए गुड गवर्नेंस की निति को ध्यान में रखते हुए काम करना पड़ेगा। अपनी ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने वाले और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को सजा दी जाएगी।’
प्रदेश में कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से अपराधी और माफियाओं के खिलाफ सब तरह की सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
वहीं बलिदान दिवस के उपलक्ष्य पर जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम के आयोजक स्थानीय संसद राकेश सिंह ही थे। अपने वक्तव्य के दौरान शाह ने राकेश सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि मैं यहाँ हमारे राकेश सिंह जी के निमंत्रण पर आया हूं और सही मायने में यहीं राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं। गृह मंत्री शाह ने यह बयान दो अलग-अलग कार्यक्रमों में दिया था।
दोनों कार्यक्रमों में सीएम गृह मंत्री के साथ शिवराज भी मौजूद रहे। श्री शाह के इस बयान से यह स्पष्ट होता है जबलपुर के सांसद राकेश सिंह के न्योते पर ही अमित शाह मध्य प्रदेश पहुंचे थे।
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