देश के इन मंदिरों में बरसती है मां लक्ष्मी की कृपा…
सनातन परंपरा में धन की देवी मां लक्ष्मी की साधना अनंत काल से न सिर्फ मनुष्य बल्कि देवी-देवता तक करते चले आ रहे हैं। यही कारण है कि पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक धन, वैभव, ऐश्वर्य, संपन्नता और समृद्धि की देवी के देश में कई पावन धाम हैं, जहां पर जाकर दर्शन मात्र करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में कभी धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है।
सनातन परंपरा में धन की देवी मां लक्ष्मी की साधना अनंत काल से न सिर्फ मनुष्य बल्कि देवी-देवता तक करते चले आ रहे हैं। यही कारण है कि पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक धन, वैभव, ऐश्वर्य, संपन्नता और समृद्धि की देवी के देश में कई पावन धाम हैं, जहां पर जाकर दर्शन मात्र करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में कभी धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है। आइए देश के कुछ ऐसे प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिरों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिर
महालक्ष्मी का यह पावन धाम महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में स्थित है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में लगभग चार फिट लंबी और 40 किलो वजन वाली महालक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित है। मान्यता है कि माता की यह मूर्ति तकरीबन 7,000 साल पुरानी है। स्थानीय लोग इस मंदिर को अंबाबाई मंदिर के नाम से जानते हैं। मान्यता है कि महालक्ष्मी के इस मंदिर का निर्माण चालुक्य शासक कर्णदेव ने 7वीं शताब्दी में करवाया था।
मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर
महालक्ष्मी का यह पावन धाम मुंबई महानगर में समुद्र के किनारे बी। देसाई मार्ग पर स्थित है। मां लक्ष्मी के इस भव्य मंदिर में माता महालक्ष्मी की अत्यंत आकर्षक प्रतिमा है, जिसके दर्शन के लिए यहां पर प्रतिदिन देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं। मंदिर के गर्भगृह में महालक्ष्मी के साथ महाकाली और महासरस्वती भी विराजमान हैं। मान्यता है कि अंग्रेजों के काल में एक ठेकेदार रामजी शिवाजी के सपने में मां लक्ष्मी प्रकट हुईं और उसे समुद्र से तीन देवियों की मूर्ति को निकाल कर स्थापित करने का आदेश दिया था। तब से यहां पर धन की देवी की पूजा चली आ रही है।
दिल्ली का लक्ष्मीनारायण मंदिर
देश की राजधानी दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिरों से एक लक्ष्मी नारायण मंदिर को 1622 में वीरसिंह देव ने बनवाया था। जिसका 1793 में पृथ्वीसिंह ने जीर्णोद्धार कराया था। इस मंदिर को बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि 1938 में भारत के बड़े औद्योगिक परिवार बिड़ला समूह ने इसका विस्तार और पुनरुद्धार कराया था। बिड़ला मंदिर में मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ विराजमान हैं। साथ ही मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की भी आकर्षक प्रतिमाएं मौजूद हैं।
आंध्र प्रदेश का महालक्ष्मी मंदिर
आंध्र प्रदेश के तिरुपति नगर में चिंतानूर नामक स्थान पर मां पद्मावती देवी का मंदिर है। इस स्थान को तिरुचानूर या फिर मंगापट्टनम् भी कहते हैं। मान्यता है मां पद्मावती ही माता लक्ष्मी हैं, जिनके दर्शन मात्र से भक्तों का घर धन-धान्य से भर जाता है। इस विशाल मंदिर के करीब में एक पथ्य सरोवर है।
चेन्नई का महालक्ष्मी मंदिर
चेन्नई के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक श्री बाला जी के मंदिर के भीतरी भाग में परिक्रमा पथ पर मौजूद है माता लक्ष्मी का यह मंदिर। इस मंदिर में माता का यह मंदिर अलग से बना हुआ है, जिसे स्थानीय लोग वरेमा देवी के नाम से बुलाते हैं। वैसे प्रधान मंदिर में श्री वेंकेटेश्वर भगवान के बगल में श्रीदेवी तो वहीं दूसरी तरफ भूदेवी विराजमान हैं।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :