लखनऊ : जल निगम की लापरवाही, जनता पर भारी
लखनऊ : जल निगम की लापरवाही, जनता पर भारी
Water Corporation’s negligence लखनऊ : करोंना महामारी के चलते लोगों के घरो में पानी के इस्तेमाल में काफी इजाफा हुआ है साथ ही साफ सफाई के साथ.साथ पेयजल संकट भी अब गहरा चुका है। जल निगम की लापरवाही के चलते अभी भी पेयजल संकट बरकरार है। पेयजल संकट के निदान हेतु आलमबाग में कई बार पहले हैण्डपम्पों व ट्यूबवेल की माँग भी की गयी। इसके बाद भी नतीजा सिफर रहा।
जल निगम के आलाधिकारियों ने कभी बजट का बहाना बनाकर हैण्डपम्प नही लगवायें। तो कभी टयूबवेलो में छोटी बोरिग करा कर लोगों को टरकाते नजर आते पेयजल संकट को लेकर दिये गये जलशक्ति मंत्रालय व प्रदेश सरकार के तमाम आदेश को धता बताते नजर आ रहे है।
Water Corporation’s negligence
इसका उदाहरण पिछले 72 घंटो से ज्यादा आलमबाग के कैलाशपुरी जेल रोड के स्थानीय निवासियों को लापरवाह जल निगम कर्मचारियों के चलते भुगतना पड़ रहा है मामला कुछ ऐसा है कि आलमबाग के कैलाशपुरी में तीन ट्यूबवेल है जिसके चलते भी यहां के घरों में पानी की समस्या पिछले 4 सालों से निरंतर बनी हुई है.
लापरवाह जलकल कर्मी पानी की समस्या को न सुधार पाने के चलते अब वह पुराने टयूबवेल से उनके पाइपो को चौड़ाई को कम कर के भोली भाली जनता को तेज पानी के आने का झांसा देकर बेवकूफ बनाने में लगे है। यही नही वह जिस ट्यूबवेल पंप को सही करने में 36 घंटो से मसक्कत कर रहे थे.
वह भी लापरवाह तैनात कर्मचारियों के चलते लापरवाही के भेंट चढ़ गया जिस पंप को लगभग 200 फुट निकालने के बाद नई पंप को लगाया गया था पर जल निगमकर्मी उस पंप के स्टार्टर का कनेक्शन चेक करना ही भूल गए यहाँ के स्थानीय निवासी मोहम्मद अकरम ने बताया कि हम यहां एक हफ्तों से अपने घरों में पानी के लिए तरस रहे है.
- टयूबवेल 4 दिनों से पूरा खराब हो चुका है
- क्षेत्रीय लोगों के शिकायती पत्र देने के बावजूद भी अभी तक टयूबवेल सही नही हुआ है
- न ही हमारी क्षेत्रीय पार्षद व निकटतम मौजूदा विधायक ने स्थिति का जायजा लेना उचित समझा।
- हम सभी जस के तस ऐसा ही करोना जैसी महामारी से परेशान हैं।
Water Corporation’s negligence
वही मुजीब का कहना है घरों से बाहर पानी के लिए हमे पानी के टैंक व हैंडपम्पो के पास पानी भरने जाना पड़ता है जहाँ सोशल डिस्टेंसिग का प्रोटोकॉल टूटता नजर आता है जिससे करोना भी बढ़ सकता है। हम वैसे ही बहुत डरे हुए हैं और पानी ने और दु:खी कर रखा है।
- अगर सूखा की आहट को लेकर भले ही शासन ने अपनी कमर कस ली हो।
- पर पेयजल किल्लत को लेकर प्रशासन द्वारा कोई सख्त रवैया नही अपनाया है।
- फलस्वरूप भीषण पेयजल संकट के बाद भी जल निगम कागजों में ही समस्याओं का निस्तारण करने में लगा है।
- लखनऊ जल निगम में भी कुछ यही हाल है।
- पेयजल संकट को लेकर तमाम दावे जो कागजों में अंकित है.
- पर जमीनी हकीकत कुछ और है।
- पेयजल संकट को लेकर जल निगम का रवैया यही रहा।
- तो भीषण पेयजल किल्लत से मुक्ति मिलना मात्र सपना होगा।
- लोगों ने प्रदेश सरकार से पेयजल संकट के निदान की माँग की है।
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