लखनऊ : शिवपाल – राजभर ने कर दिया अखिलेश के साथ ‘खेला’
विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की बैठक में मुझे नहीं बुलाया गया था। इसलिए मैं नहीं गया। सीएम योगी ने बुलाया, इसलिए कल शाम को मैं डिनर पार्टी में पहुंचा था।
राष्ट्रपति चुनाव के मतदान से पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का कुनबा एक बार फिर टूटने की कगार पर पहुंच गया है। राष्ट्रपति चुनाव के मतदान से पहले एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आवास पर शुक्रवार की शाम आयोजित किया रात्रि भोज इस रात्रि भोज में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव व सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पहुंचकर न सिर्फ चौंका दिया बल्कि भविष्य के गठबंधन की नई सियासत के भी संकेत दे दिए। साथ ही शिवपाल यादव और राजभर की जोड़ी ने समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका देने का काम किया है।
द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे -रघुराज प्रताप सिंह
उधर, जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना अहम बात है। इसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद करता हूं। इसी वजह से बीजेपी के साथी दल और जो दल साथ नहीं हैं, वह समर्थन कर रहे हैं। जनसत्ता दल द्रौपदी मुर्मू जी का समर्थन करेगी। वहीं शिवपाल यादव बिना अखिलेश यादव का नाम लिए कहा, “उनमें राजनीतिक परिपक्वता की कमी है। विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की बैठक में मुझे नहीं बुलाया गया था। इसलिए मैं नहीं गया। सीएम योगी ने बुलाया, इसलिए कल शाम को मैं डिनर पार्टी में पहुंचा था।
बैठक में शिवपाल व राजभर को नहीं बुलाया गया
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से आयोजित इस भोज में बीजेपी के सहयोगी अपना दल एस के आशीष पटेल, निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की मौजूदगी पहले से ही अपेक्षित थी। मगर, भोज में पहुंचकर चौंकाया शिवपाल यादव, ओमप्रकाश राजभर और बसपा के उमाशंकर सिंह ने।दरअसल, बृहस्पतिवार को यशवंत सिन्हा के समर्थन में हुई सपा की बैठक में शिवपाल व राजभर को नहीं बुलाया गया था। बीते कुछ दिनों से राजभर की बयानबाजी से नाराज अखिलेश ने उन्हें न बुलाकर एक तरह से गठबंधन तोड़ने के संकेत दे दिए थे। स्थिति को भांपते हुए बीजेपी ने भी शिवपाल व राजभर से संपर्क करना शुरू कर दिया था, जिसका नतीजा शुक्रवार को देखने को मिला।
राजभर-शिवपाल खिला सकते हैं नया गुल
राष्ट्रपति चुनाव के बहाने विपक्षी दलों की फूट का असर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी दिखने के आसार हैं। सुभासपा अध्यक्ष राजभर और प्रसपा नेता शिवपाल नया गुल खिला सकते हैं।
बढ़ जाएंगे द्रौपदी के मत
बीजेपी गठबंधन के पास 273 विधायक है। शिवपाल, सुभासपा के छह और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 विधायकों के मत मिलने के बाद संख्या 281 पहुंच जाएगी। सूत्रों के मुताबिक बसपा के एकमात्र विधायक उमाशकर सिंह का वोट भी मुर्मू को मिल सकता है। इसके अलावा बसपा के 10 सांसदों के वोट भी द्रौपदी को मिल सकते हैं।
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