लखनऊ : बिना जांच किए ही अपलोड की जा रही है Negative Covid रिपोर्ट
राजधानी में कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा थमने का नहीं ले रहा है। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में मरीन के उन
राजधानी में कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा थमने का नहीं ले रहा है। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में मरीन के उन परिजन की भी निगेटि रिपोर्ट बिना जांच किए ही अपलोड कर दी जा रही है। जो दूसरे शहरों या राज्यों में हैं।, वहीं, स्वास्थ विभाग के अफसर जांच करने की बात कहकर मामला दबाने में जुटे हुए हैं।
लखनऊ में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग ने करीब 150 टीमें लगा रखी हैं। ये घर-घर जाकर मरीजों की जांच कर रही हैं। इस दौरान दूसरे राज्य में मौजूद घर के अन्य सदस्यों का भी रिकॉर्ड लिया जाता है। टीम अधिक सैंपलिंग दिखाने के लिए इन परिवारीजन के नाम भी पोर्टल पर अपलोड कर रही है, जिनकी जांच तक नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड अनुसार रोजाना आठ से दस हजार मरीजों की जांच का लक्ष्य रखा गया है। इसे यही खेल कर टीम पूरा कर रही है।
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मरीजों की संख्या में भी ऐसे ही गिरा ग्राफ
शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच का तरीका बदला। इसके बाद से मरीजों की संख्या में लगातार कर्मी आई है। अब 70 प्रतिशत एंटीजेन व 30 फीसदी आरटीपीसीआर जांच कराई जा रही है। एंटीजेन में वायरस कमजोर होने पर रिपोर्ट निगेेटिव आती है, जबकि आरटीपीसीआर में यही रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। जांच के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े से संक्रमितों की दर घटने का अंदेशा है।
होगी पड़ताल
सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि पड़ताल होगी कि किस तरह बिना जांच के रिपोर्ट अपलोड की जा रही है। फर्जीवाड़ा सामने आने पर जिम्मेदार टीम पर कार्रवाई होगी।
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