लखनऊ : मायावती ने देश में केंद्र सरकार से जातिगत आधारित जनगणना करने कि मांग
देश में आखरी जाति आधारित जनगणना भारत को स्वतंत्रा से पहले 1931 में हुई थी। उसी आंकड़े के बाद ये जानकारी मिली थी कि देश में ओबीसी आबादी 52 फीसदी है।
2022 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए हर दिन राजनैतिक पार्टियां अपनी सहूलियतों को देखते हुए कुछ नया बयान दे रही है। बसपा सुप्रीमो ने भी विधानसभा चुनावों को देखते हुए देश में एक बार फिर से जातिगत आधारित जनगणना की केंद्र सरकार की मांग की है। मायावती ने ओबीसी की अलग से जनगणना करने की मांग की है।
उन्होंने ट्वीट करके कहा कि अगर केंद्र में मोदी सरकार इस मामले को लेकर भविष्य में कोई सकारात्मक कदम उठाती है तो बसपा संसद के अन्दर व बाहर भी इसका जरूर समर्थन करेगी।
ट्वीट करके करी मांग
देश में ओ.बी.सी. समाज की अलग से जनगणना कराने की माँग बी.एस.पी. शुरू से ही लगातार करती रही है तथा अभी भी बी.एस.पी. की यही माँग है और इस मामले में केन्द्र की सरकार अगर कोई सकारात्मक कदम उठाती है तो फिर बी.एस.पी. इसका संसद के अन्दर व बाहर भी जरूर समर्थन करेगी।
— Mayawati (@Mayawati) August 6, 2021
जातिगत आधारित जनगणना को लेकर मायावती ने ट्वीट करके कहा कि, “देश में ओबीसी समाज की अलग से जनगणना कराने की मांग बसपा शुरू से ही करती रही है तथा अभी भी बसपा की यही मांग है और इस मामले में केंद्र की सरकार अगर कोई सकारात्मक कदम उठाती है तो फिर बसपा इसका संसद के अन्दर व बाहर भी समर्थन जरूर करेगी।”
देश में आखरी जाति आधारित जनगणना भारत को स्वतंत्रा से पहले 1931 में हुई थी। उसी आंकड़े के बाद ये जानकारी मिली थी कि देश में ओबीसी आबादी 52 फीसदी है। यही नहीं मंडल आयोग ने भी केंद्र सरकार से जनगणना में जातियों के आंकड़े इकट्ठा किए जायें की सिफारिश की थी।
जानकारी के लिए बता दे कि इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की थी। यहीं नहीं सीएम नीतीश कुमार ने इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी थी।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :